The Angle
जयपुर।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए मीडिया से बातचीत में कहा कि एक तरफ तो राजस्थान सरकार के लिए कोयले की कमी से उपजे बिजली संकट से निपटना परेशानी का कारण बना हुआ है और उस पर बिजली के बढ़े हुए बिलों से आम उपभोक्ता जबरदस्त परेशान हो रहे हैं।
बिजली संकट का समाधान निकालने की बजाय योजना प्रचारित करने में लगी सरकार- कटारिया
उन्होंने कहा कि बिजली संकट का समाधान निकालने को लेकर गंभीरता दिखाने की बजाय सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में किसान मित्र योजना के प्रचार-प्रसार के लिए बिजली के बिल को ही माध्यम बना रही है। इसे लेकर आम उपभोक्ताओं को वितरित किए जाने वाले बिजली के बिल के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो के साथ किसान मित्र योजना का विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। कटारिया ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा कि इसका मकसद यही है कि राज्य सरकार किसानों को बिजली के बिल पर मासिक एक हजार और सालाना बारह हजार रुपए का अनुदान दे रही है, यह जानकारी आम लोगों तक पहुंचाया जा रह है लेकिन इसी प्रचार-प्रसार में अब राजनीतिक पेच फंस गया है।
गुलाबचंद कटारिया बोले- उपभोेक्ताओं को बिजली के बिल से भी लग रहा करंट
कटारिया ने कहा कि जिस नफे को लेकर बिजली के बिल के पीछे यह प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, वहीं प्रचार प्रदेश सरकार को ले डूबेगा। पिछली वसुंधरा राजे शासित भाजपा सरकार के कार्यकाल में किसानों को 8 00 रुपए से ज्यादा हर माह अनुदान दिया जा रहा था यह अनुदान सीधे बिजली के बिल से काटकर दिया जा रहा था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मौजूदा सरकार ने उस अनुदान को 2 साल के लिए बंद कर दिया और अब किसान मित्र योजना के जरिए सालाना एक हजार और वार्षिक 12 हजार का अनुदान दिया जा रहा है लेकिन दो साल तक किसानों को अनुदान से वंचित रखने का जवाब कौन देगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के उपभोक्ताओं को आज देश में सबसे महंगी बिजली दी जा रही है, जब उपभोक्ताओं के पास बिजली का बिल आता है तो उसे भी करंट लगता है। ऐसे में सरकार बिजली के बिल के जरिए जो प्रचार कर रही है, वही उसे ले डूबेगा।