The Angle
नई दिल्ली।
देश अपने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है। प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित देश-प्रदेश के तमाम नेताओं ने महान नेता को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने वाजपेयी के दिल्ली स्थित समाधि स्थल सदैव अटल पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि दी और देश निर्माण में उनके योगदान को याद किया।
वाजपेयी राजनीतिक जीवन में अपने फैसलों और हाजिरजवाबी के लिए रहे मशहूर
वाजपेयी अपने राजनीतिक जीवन में लिए गए फैसलों के लिए जितने चर्चित रहे, उतने ही वे अपनी साफगोई और किस्सों के लिए भी मशहूर थे। उनके व्यक्तित्व की खास बात यह भी रही कि राजनीतिक दल विशेष से ताल्लुक रखने के बाद भी उन्होंने देशहित के मुद्दों पर अपने विरोधियों का भी समर्थन करने से कभी परहेज नहीं किया।
1971 में पाक सैनिकों को समर्पण करवाने वाली इंदिरा गांधी को बताया था दुर्गा का रूप
1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तानी फौजों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उस समय दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत पश्चिमी पाकिस्तान को बांग्लादेश का दर्जा दिया। इसकी जानकारी जब संसद में पहुंचाई गई, तो वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फैसले को सही ठहराते हुए उन्हें दुर्गा कहकर संबोधित किया था।
अटल ने शादी के लिए दहेज में पाकिस्तान देने की रख दी थी शर्त
इसी तरह उनके बारे में एक बहुप्रसिद्ध किस्सा यह भी है कि जब वे एक बार पाकिस्तान के दौरे पर गए तो वहां वे मीडिया से भी रूबरू हुए। इस दौरान एक पाकिस्तानी महिला पत्रकार ने उनसे पूछा कि आप अविवाहित हैं, मैं आपसे शादी के लिए तैयार हूं, लेकिन मुझे मुंह दिखाई में कश्मीर चाहिए। इस पर वाजपेयी ने अपनी हाजिरजवाबी की नजीर पेश करते हुए तुरंत जवाब दिया कि शादी के लिए तो वे भी तैयार हैं, लेकिन उन्हें दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए।