The Angle
जयपुर।
बाड़मेर के गिड़ा में आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम पर हुए हमले के मामले को गहलोत सरकार भी गंभीरता से देख रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की जांच सीआईडी सीबी से कराने को लेकर अनुशंसा के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही गहलोत सरकार ने घायल आरटीआई कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर को दिए अमराराम के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी देते हुए लिखा कि जिला कलेक्टर को निर्देश देकर जोधपुर के MDM अस्पताल में भर्ती बदमाशों के हमले में घायल हुए बाड़मेर के RTI कार्यकर्ता अमराराम के स्वास्थ्य की जानकारी लेने भेजा। परिजन उनके इलाज से संतुष्ट हैं।
मुख्यमंत्री ने पीएम को दिलाई याद- देश में आरटीआई लागू करवाने में प्रदेश की रहा बड़ा रोल
इसके साथ ही सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को भी एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने देशभर में व्हिसिलब्लोअर्स, सोशल एक्टिविस्ट्स और आरटीआई कार्यकर्ताओं पर बढ़ते हिंसा के मामलों पर पीएम मोदी का ध्यान दिलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए आरटीआई एक्ट को लागू किया था, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को सशक्त किया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राजस्थान उन राज्यों में शुमार है जिसने पहले से ही इस कानून को प्रदेश में लागू किया हुआ था और देशभर में इस कानून को लागू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सूचना प्रदाता संरक्षण अधिनियम 2011 हो चुका पास, केंद्र ने अब तक नहीं बनाए नियम
सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि इन व्हिसिलब्लोअर्स और सामाजिक कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ध्यात दिलाते हुए कहा कि सूचना प्रदाता संरक्षण अधिनियम 2011 संसद में पास हो चुका है और इस एक्ट में ऐसे सभी व्हिसिलब्लोअर्स और आरटीआई एक्टिविस्ट्स, सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। अधिनियम की धारा 25 में केंद्र को इस संबंध में नियम बनाने की शक्तियां दी गई हैं, इसके बाद भी केंद्र ने अभी तक इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियम बनाकर अधिसूचित नहीं किया है। ऐसे में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए मैकेनिज्म विकसित नहीं हो पा रहा है।
सूचना प्रदाता संरक्षण अधिनियम 2014 जल्द हो लागू, ताकि दोषियों पर हो सके कार्रवाई- सीएम
गहलोत ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार देशभर के आरटीआई कार्यकर्ता, व्हिसिलब्लोअर्स, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सिविल सोसायटी के संरक्षण के लिए जल्द से जल्द अधिनियम के प्रावधानों के तहत जल्द ही नियम बनाकर सूचना प्रदाता संरक्षण अधिनियम, 2014 को लागू करे, जिससे दोषियों पर जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई की जा सके।