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नागौर में नमक कारोबारी की हत्या पर बीजेपी और आरएलपी ने गहलोत सरकार को घेरा !

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बीजेपी कांग्रेस फ्लैग और राज्यसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ( फाइल इमेज )

नागौर जिले की नावां सिटी में नमक कारोबारी और हिस्ट्रीशीटर जयपाल पूनिया की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई.अब इस मामले में बीजेपी से गजेंद्र और आरएलपी से हनुमान बेनीावाल दोनों ही गहलोत सरकार पर हमलावर हो रहे है .और दोनों ही पार्टियो के नेताओं ने जमकर गहलोत सरकार को घेरा.वही अब सीएम गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले उपमुख्यसचेतक महेंद्र चौधरी पर मामला दर्ज होने के बाद सवालियां निशान भी खड़े हो गए है .

गजेंद्र सिंह शेखावत ने साधा निशाना

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मामले को लेकर गहलोत सरकार और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालियां निशान खड़े किए है .शेखावत ने ट्वीट के माध्यम से लिखा कि अब नावां शहर में खुलेआम फायरिंग हो गई.अपराधी जीत रहे है पुलिस हार रही है .कारण यह है कि गहलोत जी ने पुलिस और इंटेलीजेंस को पक्ष विपक्ष की जासूसी में लगा रखा है .शेखावत ने कहा कि एक तरफ अपराधी सार्वजनिक तौर पर मामले पर निपटा रहे है तो दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों की प्राइवेसी खतरें में है

गजेंद्र सिंह शेखावत ने आलाकमान तक मुद्दा पहुंचाने की बात कही

गजेंद्र सिंह शेखावत यही नहीं रुके उन्होनें कहा कि हम विपक्षियों को तो छोड़िए सीएम गहलोत उनके ही एक कट्टर प्रतिद्वंदी नेता की भी यही शिकायत सामने आ रही है .वही चिंतन शिविर की बात करते हुए शेखावत ने कहा कि ये भी मालूम नहीं कि कांग्रेस आलाकमान तक ये मुद्दा पहुंचा भी है या नहीं.और जनता भी यही चाहती है कि सोनिया गांधी राज्य की खत्म हो चुकी कानून व्यवस्था विशेषकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री से सवाल करें.

गजेंद्र सिंह शेखावत के बाद बेनीवाल की ये मांग

गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ ही आरएलपी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी ट्वीट कर गहलोत सरकार और उपमुख्यसचेतक पर सवालियां निशान खड़े किए है.बेनीवाल ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान सरकार के उप मुख्यसचेतक ,मुख्यमंत्री के नजदीकी नावां विधायक और उनके परिजनों का नाम जयपाल पूनिया के जघन्य हत्याकांड में सामने आ रहा है .जिसका जिक्र भी दर्ज हुई एफआईआर में आया है .वही बेनीवाल ने मांग की है कि जयपाल पूनिया हत्याकांड की जांच तुरंत सीबीआई को दी जानी चाहिए.क्योंकि सत्ता पक्ष के विधायक और सीएम के करीबी व्यक्ति का नाम मुकदमे में आया है तो ऐसे में राज्य सरकार की कोई भी एजेंसी मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती

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