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पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फुट की प्रतिमा का किया अनावरण

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भीमावरम।
स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की आज 125वीं जयंती है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश के भीमावरम में अल्लूरी की 30 फुट की कांस्य की प्रतिमा का अनावरण किया है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज एक ओर देश आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू गारू की 125वीं जयंती का अवसर भी है। संयोग से, इसी समय देश की आजादी के लिए हुई ‘रम्पा क्रांति’ के 100 साल भी पूरे हो रहे हैं। अल्लूरी सीताराम राजू गारू की 125वीं जन्म जयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ को पूरे वर्ष मनाया जाएगा।

सीताराम का जीवन हम सब के लिए प्रेरणादायक है-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि पंडरंगी में उनके जन्मस्थान का जीर्णोद्धार, चिंतापल्ली थाने का जीर्णोद्धार, मोगल्लू में अल्लूरी ध्यान मंदिर का निर्माण, ये कार्य हमारी अमृत भावना के प्रतीक हैं। आजादी का संग्राम केवल कुछ वर्षों का, कुछ इलाकों का, या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। ये इतिहास, भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्याग, तप और बलिदानों का इतिहास है। सीताराम राजू गारू के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक, उनकी जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा है।

अल्लूरी ने अंग्रेजों से लिया लोहा

पीएम ने कहा कि दशकों पुराने कानून जो आदिवासी लोगों को बांस जैसी वन-उपज को काटने से रोकते थे, हमने उन्हें बदलकर वन-उपज पर अधिकार दिये। “मण्यम वीरुडु” अल्लूरी सीताराम राजू ने, अंग्रेजों से अपने संघर्ष के दौरान दिखाया कि – ‘दम है तो मुझे रोक लो’। आज देश भी अपने सामने खड़ी चुनौतियों से, कठिनाइयों से इसी साहस के साथ, 130 करोड़ देशवासी, एकता के साथ, सामर्थ्य के साथ हर चुनौती को कह रहे हैं- ‘दम है तो हमें रोक लो’

वीरों और देषभक्तों की धरती है आंध्र प्रदेश

वहीं कार्यक्रम में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सीताराम राजू ने अपना जीवन आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए, उनके सुख-दुःख के लिए और देश की आजादी के लिए अर्पित कर दिया। आंध्र प्रदेश वीरों और देशभक्तों की धरती है। यहाँ पिंगली वेंकैया जैसे स्वाधीनता नायक हुये, जिन्होंने देश का झण्डा तैयार किया। ये कन्नेगंटी हनुमंतु, कन्दुकूरी वीरेसलिंगम पंतुलु और पोट्टी श्रीरामूलु जैसे नायकों की धरती है। आज अमृतकाल में इन सेनानियों के सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी हम सभी देशवासियों की है। हमारा नया भारत इनके सपनों का भारत होना चाहिए।

एक ऐसा भारत हो जहां सब के लिए समान अवसर हो

इसी के साथ उन्होने कहा कि एक ऐसा भारत- जिसमें गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़ा, आदिवासी सबके लिए समान अवसर हों। आजादी के बाद पहली बार, देश में आदिवासी गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आदिवासी संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में “अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जन- जातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय” भी बनाया जा रहा है। स्किल इंडिया मिशन के जरिए आज आदिवासी कला-कौशल को नई पहचान मिल रही है। वोकल फॉर लोकल’ आदिवासी कला कौशल को आय का साधन बना रहा है।

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