प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.पहले पायलट खेमे के विधायकों के अपनी ही सरकार के खिलाफ तमाम तरह के बयान सामने आते रहते थे.लेकिन अब सरकार को संकट से निकालने वाले बीएसपी के छह विधायकों में भी सरकार के प्रति नाराजगी दिखने लगी है .
सरकार से अलग रास्ता अपनाएंगे गुढ़ा !
सरकार में मंत्री बनाए गए राजेंद्र गुढा ने तो अब साथी विधायकों के साथ अलग रास्ता अपनाने की भी चेतावनी दे दी है .और यह रास्ता सीधे तौर पर सरकार से बाहर होने का हो सकता है .उनका कहना है कि उनसे किए वादे पूरे नहीं हुए और मंत्रियों का रवैया हमारे प्रति बिल्कुल ठीक नही है .
सरकार से उम्मीद थी पर विश्वास टूटा
सरकार के लिए गुढ़ा ने कहा कि मेरे साथी विधायक लाखन,वाजिब,संदीप सबको यही लग रहा है कि पहले जो उम्मीद थी और कमिटमेंट थे ,वे जिस किसी कारण से पूरे नहीं हो पाए तो अविश्वास और बढ़ गया है .गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ,मुकुल वासनिक,रणदीप सुरजेवाला से हमारी बात हुई थी कि वे दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हमारे बारे में जो कुछ करना है उस पर चर्चा करें.वही आगे गुढ़ा ने कहा कि हमसे कहा गया था कि हम बात करेंगे.लेकिन अभी तक आगे कोई बात नहीं बढ़ी.अगर हमसे किए वादें पूरे नहीं हुए तो फिर हमें सोचना ही पड़ेगा.
सरकार में संगठन बदलाव पर गुढ़ा अनजान
सरकार में सत्ता संगठन के बदलावों पर भी गुढ़ा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है .उन्होने कहा कि मैं तो अभी इस मामले में दिमाग लगा ही नहीं रहा,सत्ता और संगठन में क्या बदलाव होगा ये तो मैं कह नहीं सकता ,लेकिन अभी हम कांग्रेस में है ,कांग्रेस जो करेगी वह ठीक ही होगा.
साथी विधायक मुझसे आकर कहते हैं-गुढ़ा
सरकार में विलय को लेकर गुढ़ा ने कहा कि सभी साथी विधायकों को विलय के लिए मैंने ही तैयार किया था.मैंने ही इनसे बात की और विलय के लिए तैयार किया.क्योंकि मैं पुराना आदमी था और मंत्री भी रह चुका था.और मैनें भी सीएम गहलोत के भरोसे पर ही काफी बातें कही थीं, और भरोसा भी दिलाया था.लेकिन अब सवाल ये उठता है कि वाजिब अली और संदीप यादव को तो अभी तक किसी भी बोर्ड में नियुक्ति नहीं दी गई.लाखन मीणा को भी डांग विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है लेकिन उनके पास ना तो ऑफिस है न ही गाड़ी है .सारे साथी विधायक मुझे आकर कहते है .