The Angle
दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के 27 वर्षों की यात्रा के सम्मान में स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है, ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। देश की इस अमृत यात्रा में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग की तरह ही ईज ऑफ जस्टिस भी उतना ही जरूरी है। पीएम ने कहा कि विगत 8 वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत किया गया है।
पिछले 8 वर्षों में न्यायिक अवसंरचना हुई मजबूत- पीएम मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है, इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है। आज दुनिया डिजिटल क्रांति की गवाह बन रही है ,आज पूरी दुनिया में जितने डिजिटल रियल टाइम पेमेंट हो रहे हैं उनमें से अकेले भारत में ही 40 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट किए जा रहे हैं। पीएम ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही हैं, यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है।
न्याय पर भरोसा कराता है रक्षा का एहसास
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है। विचाराधीन कैदियों की रिहाई पर भी तेजी से काम होना चाहिए। न्याय का ये भरोसा देश के हर नागरिक को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। उन्होने कहा कि इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना की है, ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके।