लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में मौजूद एटीएस के हेडऑफिस में दोपहर एक बजे के करीब गोली चलने की आवाज सुनाई दी. गोली की आवाज से वहां अफरा-तफरी मच गई. पुलिसकर्मी जब मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां राजेश साहनी का शव पड़ा था. तुरंत सभी बड़े अधिकारियों को खबर दी गई. खबर मिलते ही मौके पर कई आला अधिकारी पहुंचे. मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. राजेश साहनी ने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में जांच की जा रही है.
काबिल अधिकारी थे साहनी
1992 बैच के पीपीएस अधिकारी राजेश साहनी का नाम यूपी पुलिस के बेहद काबिल अफसरों में शुमार था. उन्होंने ही ISIS के खुरासान मॉड्यूल का खुलासा किया था. हाल ही में हाल ही में उनके नेतृत्व में उत्तराखंड के के पिथौरागढ़ से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया था. राजेश काफी समय से तमाम आतंकी संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल और भारत में आतंक की साजिशों को बेनकाब कर रहे थे.
हिमांशु रॉय के बाद इस तरह की दूसरी घटना
इसी महीने महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस चीफ हिमांशु रॉय ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. 1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर हिमांशु रॉय कैंसर से पीड़ित थे. रॉय ने अपने आवास पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से कथित तौर पर खुद को गोली मार ली. 2012-2014 के दौरान ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) रहे रॉय ने आईपीएल सट्टेबाजी कांड की जांच का नेतृत्व भी किया. इसके बाद उनका तबादला एटीएस में हो गया. बतौर एटीएस चीफ रॉय ने बांद्रा कुर्ला इलाके में एक अमेरिकी स्कूल को विस्फोट कर उड़ाने की साजिश रचने को लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को गिरफ्तार किया था. पत्रकार जेडे मर्डर कांड की जांच भी हिमांशु रॉय की अगुवाई में ही हुआ था.