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प्रमोद सावंत: आयुर्वेद के डॉक्टर से गोवा के मुख्यमंत्री तक, पर्रिकर के मार्गदर्शन में ही शुरू की राजनीति

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प्रमोद सावंत

गोवा.मनोहर परिकर के निधन के बाद गोवा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर प्रमोद सावंत ने कमान संभाल ली है। उन्होंने रात दो बजे राजभवन में आयोजित समारोह में शपथ ली। उन्हें गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने शपथ दिलाई।नवनियुक्त गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि मुझे सभी सहयोगियों के साथ एक स्थिरता के साथ आगे बढ़ना है। अधूरे कामों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी होगी। मैं मनोहर परिकर जी के जितना काम नहीं कर पाऊंगा लेकिन जितना संभव हो सके काम करने की कोशिश करूंगा।बता दें 63 वर्षीय मनोहर परिकर का रविवार को निधन हो गया था। वह लंबे समय से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे। सोमवार को उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।मनोहर परिकर के निधन के बाद गोवा में राजनीतिक रसाकसी शुरू हो गई। एक ओर जहां कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर रही थी तो वहीं दूसरी ओर भाजपा अपनी सरकार बचाने में लगी थी।

बीजेपी के अकेले विधायक,जो आरएसएस काडर से

46 वर्षीय सावंत गोवा में बीजेपी के अकेले विधायक हैं, जो आरएसएस काडर से हैं। गोवा के सीएम बनने से पहले वह पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। 2017 में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बनी, तब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था।

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वह किसी भी विधानसभा सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे। वह नेतृत्व के लिए किस तरह से पसंदीदा लीडर थे, इस बात को इससे ही समझा जा सकता है कि जब भी पर्रिकर के विकल्प की बात की गई तो उनका नाम प्रमुख रहा।राजनीतिक करियर
सावंत ने आयुर्वेद औषधि में ग्रैजुएशन के बाद पोस्ट ग्रैजुएशन सामाजिक कार्य में किया। उन्होंने मेडिको-लीगल सिस्टम का भी अध्ययन किया है। उनकी राजनीति में एंट्री साल 2008 में बीजेपी नेतृत्व के आग्रह के बाद हुई। सांकेलिम (अब साखली) सीट खाली हुई थी जिससे उनको चुनाव लड़ने को कहा गया था। उस समय वह मापुसा स्थित उत्तरी जिला अस्पताल में आयुर्वेद के डॉक्टर के तौर पर तैनात थे। बीजेपी नेतृत्व के आग्रह के बाद उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ा।

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हालांकि उस उपचुनाव में वह हार गए थे लेकिन साल 2012 में विजेता बनकर उभरे। 2017 के चुनाव में एक बार फिर वह साखली से निर्वाचित होकर गोवा विधानसभा में आए। 2017 में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार में उनको विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। गोवा के राजनीतिक इतिहास में वह सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष थे। गोवा के युवा आंदोलन में उनके असाधारण कौशल के कारण उनको राज्य युवा पुरस्कार से नवाजा गया। वह भारतीय युवा जनता मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं।

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