The Angle
जयपुर।
हाल ही में राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने बतौर वित्त मंत्री जब अपना पहला बजट पेश किया, तो उसमें सबसे ज्यादा बजट आवंटन कृषि विभाग और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग को किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक इन 2 विभागों को ही सरकार ने करीब 96 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया है, जो भजनलाल कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के पास हैं, हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। ऐसे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि शायद सबसे ज्यादा बजट आवंटित कर किरोड़ी लाल मीणा को मनाने की कोशिश भजनलाल सरकार की ओर से की गई, ताकि वे अपनी नाराजगी छोड़कर अपना इस्तीफा वापस ले लें।
भाजपा में वरिष्ठ नेताओं को मनाने के प्रयास जारी
वहीं भाजपा की एक और वरिष्ठ नेता हैं जिन्हें मनाने के प्रयास बजट पेश किए जाने से ठीक पहले किए गए थे। दरअसल ऐसी चर्चा थी कि बजट को लेकर जरूरी टिप्स लेने खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने उनके आवास पहुंचे थे। यहां दोनों नेताओं की करीब 1 घंटे तक चर्चा हुई। इसके बाद से कयास लगने लगे थे कि वसुंधरा राजे एक बार फिर प्रदेश की सियासत में सक्रियता दिखा सकती हैं। लेकिन कुछ ही समय में इन कयासों की भी हवा उस समय निकल गई, जब भजनलाल सरकार का पहला बजट पेश होने जैसे अहम मौके पर भी वसुंधरा राजे विधानसभा से नदारद नजर आईं। इसके बाद ये स्पष्ट हो गया कि सीएम भजनलाल और वसुंधरा राजे की जिस मुलाकात की चर्चा सियासी गलियारों में हो रही थी, उसका नतीजा जीरो रहा है।
उपचुनाव जीतना है तो वसुंधरा राजे को मनाना जरूरी !
ऐसे में हर कोई इस बात पर नजरें जमाए हुए है कि आगे वसुंधरा राजे क्या कदम उठाती हैं। क्योंकि भले ही बजट पेश किए जाने के बाद से ही सीएमआर पर विभिन्न वर्गों के लोग सीएम भजनलाल का आभार जताने उमड़ रहे हों, लेकिन जहां तक आगामी विधानसभा उपचुनावों और राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव को जीतने की बात है, तो उसमें तो सफलता तभी मिल पाएगी, जब वसुंधरा राजे जैसी मजबूत नेता का साथ भी भाजपा को मिले।