The Angle
जयपुर।
बांग्लादेश में लंबे समय से चल रही हिंसा के बीच पीएम पद से इस्तीफा देकर शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गईं। हालांकि यहां से भी वे उड़ान भरकर कहीं अन्य स्थान पर पहुंच चुकी हैं। लेकिन हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर बांग्लादेश में बने इस संकटकाल में शेख हसीना को सबसे पहले भारत की याद क्यों आई। दरअसल बांग्लादेश से लूट और विरोध प्रदर्शन के जो नजारे सामने आ रहे हैं, उससे यह तो स्पष्ट है कि अगर शेख हसीना यहां और ठहरतीं तो आक्रोशित जनता उनके साथ अच्छा व्यवहार तो बिलकुल नहीं करती। ऐसे में उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद यहां से बच निकलने में ही अपनी भलाई समझी।
शेख हसीना ने पीएम मोदी को दिया था बांग्लादेश आने का न्यौता
वहीं भारत इसलिए आईं क्योंकि कुछ समय पहले ही शेख हसीना 2 दिन के भारत दौरे पर आई थीं और इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। ये बात और है कि उस समय शेख हसीना ने पीएम मोदी को बांग्लादेश आने का न्यौता दिया था और इससे पहले कि मोदी बांग्लादेश की यात्रा पर जाते, बांग्लादेश में हालात बेकाबू हो गए। बहरहाल बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने भारत में शरण ली हो, यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले साल 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश एक अलग देश के रूप में अस्तित्व में आया।
पहले भी 2 बार भारत में ले चुकीं हैं शरण
इसके बाद शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश को आजादी दिलाने के प्रमुख नेता माने जाने वाले शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की आक्रोशित भीड़ ने जान ले ली थी। इसके बाद करीब 6 साल तक शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना ने दिल्ली में शरण ली। वहीं इसके बाद जब साल 2009 में बांग्लादेश में फिर से हालात बेकाबू हुए, उस वक्त भी उन्होंने भारत में तत्कालीन वित्त मंत्री और अपने परिचित प्रणब मुखर्जी को फोन कर भारत में शरण मांगी थी। यही वजह है कि शेख हसीना एक राजनयिक पड़ोसी के साथ ही भारत से एक आत्मीय रिश्ता भी रखती हैं।