भारत की रेसलर विनेश फोगाट ने जब पहले प्री-क्वार्टर फाइनल, फिर क्वार्टर फाइनल और फिर सेमीफाइनल मुकाबले में एक के बाद एक 3 प्रतिद्वंद्वियों को चित्त किया, तो देश की इस धाकड़ पहलवान बेटी पर भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें आकर टिक गई थीं। इसके बाद जहां उन्हें देशभर से फाइनल मुकाबले के लिए शुभकामनाएं मिलने का दौर शुरू हो गया, वहीं विनेश फोगाट की इस जीत को उन लोगों को दिए जवाब के रूप में भी देखा जा रहा था, जिनके खिलाफ वे अपने कुछ अन्य पहलवान साथियों के साथ दिल्ली की सड़कों पर न्याय के लिए संघर्ष करती देखी गई थीं।
विनेश फोगाट के सेमीफाइनल जीतते ही देश में शुरू हो गया दुआओं का दौर
हर कोई यही दुआ कर रहा था कि भारत की यह धाकड़ बेटी पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतकर न सिर्फ देश का नाम रोशन करे, बल्कि पेरिस ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल भी दिलाए। लेकिन देशवासियों की उम्मीदों को झटका उस समय लगा, जब फाइनल मुकाबले से ठीक पहले उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। बता दें विनेश फोगाट पहले फ्रीस्टाइल रेसलिंग के 53 किलो भारवर्ग में खेलती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने 50 किलोग्राम भारवर्ग में उतरने का फैसला किया था।
तय मानक से 100 ग्राम ज्यादा था वजन, इसलिए हुईं पेरिस ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई
ऐसे में फाइनल मुकाबले से ठीक पहले जब नियम के अनुसार विनेश फोगाट का वजन किया गया, तो वह बताया जा रहा है कि तय मानक से महज 100 ग्राम ज्यादा था। गौरतलब है कि किसी भी खिलाड़ी को उसके भारवर्ग से 100 ग्राम अधिक वजन तक की छूट मिलती है, लेकिन विनेश का वजन तय मानक से भी 100 ग्राम ज्यादा था। इसी के साथ उन्हें फाइनल मुकाबले के लिए डिस्क्वालिफाई घोषित कर दिया गया। विनेश फोगाट की परेशानियां यहीं खत्म नहीं हुईं, बल्कि उनके मेडल पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यानि विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से खाली हाथ लौटना पड़ सकता है।