The Angle
तिरुअनंतपुरम।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान पीएम के साथ राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री बोले- आपदा के बारे में पता चला, तबसे लगातार ले रहा हूं जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड भूस्खलन घटना और चल रहे राहत प्रयासों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी उपस्थित थे। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जबसे मुझे इस घटना के बारे में पता चला है, तबसे मैं भूस्खलन के बारे में जानकारी ले रहा हूं। केंद्र सरकार की सभी एजेंसियां जो इस आपदा में मदद कर सकती थीं, तुरंत काम पर लग गईं। यह आपदा सामान्य नहीं है। हजारों परिवारों के सपने चकनाचूर हो गए हैं। मैंने मौके पर जाकर स्थिति देखी है। मैंने राहत शिविरों में पीड़ितों से मुलाकात की, जिन्होंने इस आपदा का सामना किया। मैंने अस्पताल में घायल मरीजों से भी मुलाकात की।
भूस्खलन के पीड़ितों से की मुलाकात
पीएम और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन वायनाड में भूस्खलन के पीड़ितों और बचे लोगों से मिलने और बातचीत करने के लिए WIMS अस्पताल पहुंचे। पीएम मोदी ने पीड़ितों के बच्चों से बात भी की और उन्हें गोद में उठाकर प्यार भी किया।
पीएम मोदी ने पैदल ही पत्थरों और मलबे से भरे क्षेत्र का किया सर्वेक्षण
पीएम नरेंद्र मोदी केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले पहुंचे और चूरलमाला में पैदल चलकर आपदा से हुए नुकसान का आंकलन किया। अधिकारियों ने बताया कि मोदी कन्नूर हवाई अड्डे से वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए वायनाड पहुंचे और 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित चूरलमाला क्षेत्र में पैदल चलकर नुकसान का जायजा लिया। चूरलमाला में सेना ने आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में मदद के लिए 190 फीट लंबा बेली ब्रिज बनाया है। मोदी नुकसान का जायजा लेते हुए इस पुल से पैदल गुजरे। अधिकारियों के अनुसार चूरलमाला पहुंचने के बाद मोदी अपने वाहन से उतरे, बचाव कर्मियों, राज्य के मुख्य सचिव वी वेणु और जिले के अधिकारियों से बातचीत की, फिर पैदल ही पत्थरों और मलबे से भरे क्षेत्र का सर्वेक्षण किया।
वायनाड में 226 लोगों की हुई मौत, अब भी कई लोग लापता
प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम का हवाई सर्वेक्षण किया था। अधिकारियों के मुताबिक हवाई सर्वेक्षण के बाद मोदी का हेलीकॉप्टर कलपेट्टा में एसकेएमजे विद्यालय में उतरा, जहां से वह सड़क मार्ग से चूरलमाला के लिए रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण में उन्होंने भूस्खलन के केंद्र बिंदु को देखा, जो इरुवाझिनजी पुझा (नदी) के उद्गम स्थल पर है। उन्होंने पुंचिरीमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का भी जायजा लिया। केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 226 लोगों की मौत हो गई थी। क्षेत्र में कई लोग अब भी लापता हैं।