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जयपुर।
शिक्षक दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह-2024 का आयोजन बिड़ला सभागार में आयोजित किया गया। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने अपने अपने गुरु का सम्मान भी किया और कहा कि गुरु जी के संस्कार आज भी हमारे अंदर हैं। जीवन में गुरु का महत्व बहुत है। मैं सभी गुरुओं को नमन करता हूं, उनका वंदन करता हूं’ गुरु का संस्कार, बालक के प्रति समर्पण होता है। मैं सभी शिक्षकों को बधाई देता हूं। वो इतना पावन कार्य कर रहे हैं। मंच पर अपने सेवानिवृत्त गुरु शंकर लाल शर्मा को नमन किया।
सीएम भजनलाल शर्मा बोले- आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देने का काम करें शिक्षक
उन्होंने आगे कहा कि पहले एडमिशन का महत्व होता था। मेरा गांव के पहले स्कूल में एडमिशन गुरु शंकर लाल ने किया। 5वीं के बाद मैं पड़ोस के गांव में पढ़ा। गुरु का संस्कार बालक के प्रति समर्पण होता है। वो ही सबकुछ होता है। आज के समय में और पहले के समय में काफ़ी अंतर था। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जीवन में गुरु का महत्व बहुत है। गुरु बिन जीवन सूना है। आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देने का काम शिक्षक करें। शिक्षक हमारा प्रजापति है। जिस तरह कुम्हार मिट्टी का मटका बनाता है। लोगों को लगता है कितनी देर लग गई। लेकिन कुम्हार को पता है मुझे इसे कैसा रूप देना है। वो ही कार्य शिक्षक का है।
मुख्यमंत्री ने सुनाया पहले एडमिशन का अनुभव
मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए अपने पहले विद्यालय में एडमिशन के अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि उस समय पहले एडमिशन का बहुत महत्व होता था। उनके गुरु शंकर लाल जी ने उन्हें पांचवीं कक्षा तक पढ़ाया और उनके जीवन में शिक्षा की नींव रखी। इस मौके पर राज्यभर के विद्यार्थियों को 55,800 टैबलेट वितरण की शुरुआत की गई। जयपुर में मुख्यमंत्री ने 11 विद्यार्थियों को टैबलेट बांटे।