मास्को। भारत के ‘मिशन शक्ति’ पर अमेरिका के बाद अब रूस की प्रतिक्रिया सामने आई हैं। रूस ने मिशन शक्ति पर अपना सकारात्मक रूख दिखाते हुए कहा है कि हम भारत के साथ संयुक्त भागीदारी की पेशकश करते हैं। रूस ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की भागीदारी का स्वागत करते हैं और इसमें सक्रिय रूप से शामिल होने की पेशकश करते हैं।
मास्को ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि अंतरिक्ष में हथियार रखने के मामले में विश्व की बहुपक्षीय पहल में राजनीतिक दायितव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उसने भारत के मिशन शक्ति के दृष्टिकोण का समर्थन किया है।
बता दें कि भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने कुछ देर पहले अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को मार गिराया है। ऐसा करके भारत दुनिया का चौथा मुल्क बन गया है, जिसके पास यह उच्च तकनीक हासिल है। अभी तक यह तकनीक अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी। अंतरिक्ष में होने वाला ये मिशन पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण जैसा ही था। इस परीक्षण के बाद भारत ने एक बार फिर दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। इसके बाद अमेरिका की सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई थी। इस क्रम में आज रूस ने भी अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
ऑपरेशन शक्ति के बाद मिशन शक्ति
11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में तीन परमाणु बमों का सफल परीक्षण करके भारत एक परमाणु संपन्न राष्ट्र बन गया था। इस परीक्षण का भी दुनिया को भनक नहीं लगी थी। यहां तक अमेरिकी खुफिया सैटेलाइट्स को भी इसकी जानकारी नहीं थी। इस परमाणु परीक्षण के 11 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी एक इतिहास रचा गया। लेकिन तब के और आज के हालात में काफी फर्क है। खासकर अमेरिकी रूख को लेकर। ऑपरेशन शक्ति के परीक्षण के बाद अमेरिका ने अपनी सख्त नाराजगी जताई थी। अमेरिका समेत कई देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद वाजपेयी सरकार अपने फैसले पर कायम रही।