उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को टिक टॉक ऐप डाउनलोड करने पर प्रतिबंध लगाने के मद्रास उच्च न्यायालय के हाल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। मद्रास उच्च न्यायालय ने ऐप पर उपलब्ध अश्लील सामग्री को लेकर उसके डाउनलोड पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि सही समय पर याचिका की सुनवाई की जाएगी। मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को इस ऐप के जरिए अश्लील और अनुचित सामग्री परोसे कराए जाने का हवाला देते हुए केंद्र को ‘टिक टॉक’ ऐप पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।
अदालत ने उस जनहित याचिका के आधार पर अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें इस आधार पर टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी कि इसमें कथित रूप से ऐसी सामग्री है जो ‘संस्कृति का अपमान तथा अश्लील सामग्री को बढ़ावा’ देती है।
इसके अलावा अदालत का कहना है कि सरकार टिक टॉक के वीडियो को फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर होने से भी रोके। टिक टॉक के वीडियोज में अश्लील सामग्री को लेकर हमेशा से लोगों की शिकायत रही है। अदालत ने सरकार से पूछा था कि क्या वह ऐसा कोई कानून लाएगी जिससे बच्चों को साइबर क्राइम बचाया जा सके और उन्हें इससे दूर रखा जा सके।