जिस कछुए को वास्तु के लिहाज से लक्की समझकर लेकर आए वही कछुआ जेल जाने की वजह बन गया। कहते है ना कभी-कभी अंधविश्वास बहुत ज्ञात साबित होता है। यही हुआ राजधानी में रहने वाले एक शक्स के साथ। दरअसल कई बार लोग घर या फिर यहां बने पानी के टैंकरों में लाकर छोड़ देते हैं, वह दरअसल वन्यजीव एक्ट में अपराध की श्रेणी में है। वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत इस संरक्षित वन्य प्राणी को डेढ़ साल तक घर में बंदी रखने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
कार्रवाई वन विभाग ने क्राइम ब्रांच जयपुर के साथ मिलकर मालवीय नगर स्थित छत्रसाल नगर में की, जहां से विशाल शर्मा को कछुए सहित पकड़ा। कार्रवाई करने वाली टीम के रेंजर जनेश्वर सिंह ने बताया कि आरोपी ने पूजा-पाठ के नाम पर कछुए को खरीदने की बात स्वीकारी है। आरोपी की गिरफ्तारी में क्राइम ब्रांच के महिपाल और उनकी टीम ने गिरफ्तारी में मदद की