छह साल से पाकिस्तान की जेल में बंद बूंदी के जुगराज की अपने वतन वापसी हो गई है। अभी वह अमृतसर में है और शुक्रवार को अपने घर पहुंच जाएगा। जुगराज को लाने के लिए मां पानाबाई, पिता भैरूलाल के साथ इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने वाले युवा अमृतसर गए हैं।। जुगराज रामपुरिया के भीलों की झोपड़ियों का रहने वाला है और वह थोड़ा मानसिक विक्षिप्त है। किसी ट्रक के पीछे लटककर जुगराज बॉर्डर इलाके में पहुंच गया और भटकता हुआ बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तान चला गया था। पिछले छह साल से पाकिस्तान की जेल में बंद जुगराज के गरीब और बूढ़े मां-बाप को 5 साल तक उसके पाकिस्तान में होने का पता ही नहीं चला। वे जुगराज को जगह-जगह ढूंढ़ते रहे। अचानक फिर एक दिन पुलिस का फोन आया, तब पता चला कि वह पाकिस्तान में कराची की जेल में बंद है।
पाकिस्तान से आए दस्तावेजों के आधार पर इंटेलीजेंस की टीम जुगराज के गांव पहुंची थी और केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें जुगराज के भारतीय होने की पुष्टि हुई थी। परिजनों सहित सब गांववाले भी हैरान थे कि जुगराज आखिर पाक में पहुंचा कैसे?
जुगराज 29 अप्रैल को बाघा बॉर्डर पार कर वतन लौटा। रेडक्रॉस सोसायटी के रणधीरसिंह ने फोन पर बताया कि पाक ने अपनी जेलों में बंद 360 भारतीयों को चार चरणो में छोड़ा है। आखिरी जत्थे में 60 भारतीय बंदी आए, जिसमें जुगराज भी शामिल था