The Angle
जयपुर।
जयपुर ग्रेटर नगर निगम में इन दिनों सियायत परवान पर है। बीवीजी कंपनी के भुगतान और निगम आयुक्त के साथ मारपीट के बाद सरकार ने महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया। महापौर और पार्षदों को निलंबित करने के बाद भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियां आमने-सामने हो गई। जहां भाजपा ने इस निलंबन को अलोकतांत्रित बताया। वहीं कांग्रेस ने आयुक्त के साथ ऐसा नहीं करने की बात कही।
वहीं महापौर के निलंबन को लेकर भाजपा ने जयपुर में सभी ढाई सौ वार्डों में धरना-प्रदर्शन किया। ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर के साथ ही तीन भाजपा पार्षदों के निलंबन के बाद ही राज्य सरकार ने वार्ड नंबर 60 से भाजपा पार्षद शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर नियुक्त कर दिया।
राज्य सरकार ने खेला मास्टर स्ट्रोक
राज्य सरकार ने गुर्जर कार्ड से मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए जयपुर नगर निगम ग्रेटर में डॉक्टर सौम्या गुर्जर को निलंबित कर भाजपा की ही शील धाभाई को मेयर की संभला दी। शील धाबाई को वसुंधरा राजे की करीबी माना जाता है। वह शुरू से ही मेयर के पद की दावेदार मानी जा रही थी, लेकिन सौम्या गुर्जर को महापौर का पद दे दिया गया। धाभाई पहले ही जयपुर महापौर रह चुकी हैं और भाजपा के महापौर पद के प्रबल दावेदारों में थ।. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश के बाद यह आदेश जारी किए हैं. नगर निगम ग्रेटर में भाजपा का बोर्ड है, ऐसे में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए धाभाई को महापौर बनाया गया है
जयपुर ग्रेटर को मिला कार्यवाहक मेयर
जयपुर ग्रेटर नगर निगम में कार्यवाहक मेयर शील धाबाई ने अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। निगम ग्रेटर मुख्यालय में जाकर कार्यवाहक महापौर ने अपना पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण के दौरान भाजपा का कोई भी प्रतिनिधि वहां पर नहीं पहुंचा। कार्यभार ग्रहण के बाद उन्हांने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता शहर की सफाई व्यवस्था होगी। हर तरह के विकास की बात होगी। सभी विवाद खत्म हो गए सब के साथ। महापौर निलंबन विवाद पर अभी वे कुछ नहीं कहेंगी।