Home National आखिर चार दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं नौ सेना दिवस

आखिर चार दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं नौ सेना दिवस

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दा एंगल।
नई दिल्ली।
भारतीय नौसेना भारतीय सेना का एक अभिन्न अंग है। भारत की नौसेना विॆश्व की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना है। इंडियन नेवी की समुद्री सीमाओं, संयुक्त अभ्यास, मानवीय आपदा राहत और इनके माध्यम से भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी स्थिति को सुधारने के लिए आधुनिक भारतीय नौसेना ने तेजी से नवीकरण किया है। भारतीय नौसेना की ताकत में 67,000 से अधिक कर्मचारी और लगभग 150 जहाज और पनडुब्बी शामिल है।

ऑपरेशन ट्राइडेंट की शुरुआत

भारतीय नौसेना दिवस चार दिसंबर को मनाने की मुख्य वजह यह है कि भारतीय नौसेना ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट की शुरुआत की याद में मनाया जाता है। इस ऑपरेशन को इंडियन नेवी ने 1971 में 4 दिसंबर की रात को अंजाम दिया था, इसमें कराची में पाकिस्तान नौसेना मुख्यालय पूरी तरह से नष्ट हो गया था। ऑपरेशन में पहली बार एंटी-शिप मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था। इसलिए, भारत में नौसेना दिवस को हर साल मनाया जाता है, ताकि देश में नौसेना बल की भव्यता, महान उपलब्धियों और भूमिका को पहचाना जा सके। इंडियन नेवी भारत की सशस्त्र सेना की समुद्री शाखा है। इसका नेतृत्व भारतीय नौसेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भारत के राष्ट्रपति करते हैं। 17वीं शताब्दी के मराठा सम्राट, छत्रपति शिवाजी भोसले को फादर ऑफ इंडियन नेवी माना जाता है।

नौसेना दिवस पर कई कार्यक्रम

नौसेना दिवस सप्ताह भर मनाया जाता है। इस दिन खुले समुद्र में नौसेना के कई कार्यक्रम होते है जिसमें तैराकी की भी प्रतियोगिता का आयोजन होता है। जहाजों को आने वाले विजटर्स और स्कूली बच्चों के लिए खोल दिया जाता है। वहीं शिप में भूतपूर्व सैनिकों के लिए लंच दिया जाता है। इस मौके पर इंडियन नेवी इंटर स्कूल क्विज प्रतियोगिता होती है। एक नेवी हाफ मैराथन के साथ-साथ स्कूली बच्चों के लिए एक एयर डिस्प्ले और बीटिंग रिट्रीट और टैटू सेरेमनी होती है।

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