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राजस्थान में बिजली के साथ ही पानी बिल भी दे रहा तगड़ा झटका

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द एंगल।

जयपुर।

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार यूं तो आम जन की हर सुविधा का पूरा ख्याल रख रही है। लेकिन इसी बीच उसने प्रदेशवासियों को तगड़ा झटका दिया है। प्रदेश सरकार के जलदाय विभाग ने करीब 30 लाख पेयजल उपभोक्ताओं को चुपचाप ये झटका दे दिया है। लॉकडाउन के चलते आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने से पहले ही उपभोक्ता सदमे में हैं और अभी तक बाहर नहीं निकल पाए हैं। इस बीच जलदाय विभाग ने पेयजल उपभोक्ताओं को लॉकडाउन के दौरान के बकाया पिछले चार महीनों के बिल जुलाई और इसके बाद के बिलों में समायोजित करने की बजाय एकसाथ जारी कर दिए हैं। अब उपभोक्ता पशोपेश में हैं कि जब उनके पास अपने बच्चों की फीस चुकाने और घर के जरूरी खर्चों तक के लिए पैसे नहीं हैं, तो ऐसे में वे एकसाथ 4 महीने का पानी का बिल कैसे चुकाएंगे।

राजधानी में छह लाख पेयजल उपभोक्ता

जलदाय विभाग के अधिकारियों की मानें तो राजधानी जयपुर में ही छह लाख से अधिक पेयजल उपभोक्ता हैं। अब 13 जुलाई के आदेश से यहां भी आर्थिक संकट से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार आ सकता है। हालांकि जलदाय विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि पानी के बिल बहुत कम राशि के होते हैं और चार महीनों का बिल एकसाथ जारी कर देने से भी उपभोक्ताओं पर कोई बहुत ज्यादा भार नहीं आएगा।

मार्च से जून तक के बिल एक साथ किए जारी

पहले विभाग की ओर से कहा गया था कि कोरोना लॉकडाउन के चलते आम जन की परेशानी को समझते हुए मार्च से जून तक के बिलों को जुलाई और इसके बाद वाले महीनों में समायोजित कर दिया जाएगा। इस खबर से प्रदेश के आमजन को आर्थिक रूप से काफी राहत मिली थी। इसीलिए वे बड़ी बेसब्री से जुलाई से ही इंतजार कर रहे थे कि इस महीने लॉकडाउन अवधि के मार्च और जून का बिल समायोजित होकर आएगा। लेकिन अगस्त में उपभोक्ताओं को मार्च से जून तक के बिल एक साथ जारी किए गए। अधिकारियों के अनुसार विभाग बकाया बिलों को लंबा नहीं खींचना चाहता था। लिहाजा 2 जुलाई के आदेश को गुपचुप में बदल दिया गया।

पहले राहत, फिर आदेश को पलटा

जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव की ओर 2 जुलाई को आदेश जारी किया गया। आदेश में पेयजल उपभोक्ताओं को राहत देने की बात कहते हुए मार्च से जून के बिलों को जुलाई और आगमी महीनों के बिलों में समायोजित करने की बात कही थी। हालांकि अब सरकार ने अपने इस आदेश को वापस ले लिया है। इस आदेश से पेयजल उपभोक्ताओं ने आर्थिक स्थिति के हिसाब से राहत की सांस ली थी कि चार महीने के बिल एक साथ नहीं आएंगे। लेकिन यादव की ओर से 13 जुलाई को एक और आदेश निकाला गया जिसमें मौजूदा दो माह के बिल के साथ दो माह का अतिरिक्त बिल जारी करने के आदेश जारी किए।

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