द एंगल।
जयपुर।
कोरोना संक्रमित मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटाखों की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी है। हालांकि कुछ संगठन राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि पटाखों और आतिशबाजी पर रोक धार्मिक भावनाओं को आहत करने या पर्व को देखते हुए नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लगाई गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कृपया अपनी और दूसरों की सेहत का ख्याल रखते हुए पटाखे न जलाएं, दीए जलाकर हर्षोल्लास से दीपावली का त्यौहार मनाएं।
सीएम गहलोत ने की प्रदेशवासियों से सहयोग की अपील
अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है और इसमें आप सभी का सहयोग बेहद आवश्यक है। कोरोना से लड़ाई जीतने के बाद अगले साल आप और हम सभी साथ मिलकर आतिशबाजी के साथ दीपोत्सव मनाएंगे।
प्रदेश में 31 दिसंबर तक पटाखों और आतिशबाजी पर रोक रहेगी लागू
गौरतलब है कि सूबे की सरकार ने पटाखा बिक्री पर 31 दिसंबर तक रोक लगा रखी है। इस रोक को प्रभावी बनाने के लिए प्रशासन ने तमाम अस्थाई लाइसेंस आवेदन रद्द कर दिए हैं। एडवाइजरी में सरकार ने कहा था कि कोरोना प्रभावित व्यक्तियों की श्वसन क्रिया प्रभावित होती है, इसलिए वायुमंडल को प्रदूषणरहित रखना आवश्यक है। दीपावली के बाद देवउठनी एकादशी सहित डेढ़ माह में 8 बड़े सावे हैं। दीपावली और नए साल पर पटाखे जलाने पर रोक का आदेश विवाह में होने वाली आतिशबाजी पर भी लागू रहेगा। 31 दिसंबर तक विवाह या अन्य अवसरों पर भी पटाखे नहीं चलाए जा सकेंगे।
राजस्थान सरकार के फैसले के खिलाफ लगाई याचिका हुई खारिज
बता दें राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ राजस्थान फायरवर्क्स डीलर एंड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए राजस्थान सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।