The Angle
जयपुर/नई दिल्ली।
भारतीय जनता पार्टी इन दिनों पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के सालों पुराने एकछत्र आधिपत्य को खत्म करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में विजयी पताका फहराने के इस मिशन को परिवर्तन यात्रा का नाम दिया है। पार्टी की इस कवायद में राजस्थान के भाजपा नेताओं को भी अहम् जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तो पहले ही कई बार बंगाल को दौरे पर जा चुके हैं। अब इस कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का भी नाम जुड़ गया है।
बीजेपी के लिए जीत की रणनीति बनाने नजर आएंगे राज्यवर्धन सिंह राठौड़
दरअसल भाजपा आलाकमान ने राठौड़ को उन 22 नेताओं में चुना है, जो पश्चिम बंगाल में पार्टी की पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम करेंगे। जयपुर ग्रामीण सांसद सहित चुने गए तमाम नेताओं पर प्रदेश की 100 से ज़्यादा सीटों पर जीत की रणनीति बनाने की ज़िम्मेदारी रहेगी। ऐसे में राठौड़ जल्द ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिए रणनीति बनाते नज़र आएंगे। खास बात ये है कि इस जिम्मेदारी के तहत पार्टी को जीत दिलाने के साथ ही उनकी खुद की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी होगी।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से पहले गजेंद्र सिंह शेखावत को भी दी गई है अहम जिम्मेदारी
बता दें राठौड़ से पहले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत को भी भाजपा आलाकमान ने मिशन ‘पश्चिम बंगाल फतह’ में महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘गढ़’ में पार्टी पक्ष में माहौल बनाने के लिए वे लंबे समय से प्रचार और जनसंपर्क अभियान में सक्रिय हैं। वे बंगाल प्रवास के दौरान ‘फील्ड’ में उतरकर अपना पूरा दम-ख़म लगाते दिख रहे हैं।
100 सीटों पर है बीजेपी का पूरा फोकस
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की कुल 294 विधानसभा सीटों के लिए जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति के दम पर चुनाव जीतने की जद्दोजहद में जुटी हुई हैं। भाजपा केंद्रीय संगठन ने भी बंगाल की ऐसी करीब 100 सीटों को चुना है, जहां फोकस करके सत्ता तक पहुंचा जा सकता है। इन्हीं सीटों पर मजबूत रणनीति बनाने के लिए फिलहाल 22 नेताओं को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी जा रही है। ऐसे में अटकलें इस बात की भी लगाई जा रही हैं कि पार्टी आलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी कोई अहम जिम्मेदारी सौंप सकता है, ताकि उनकी पार्टी में की जा रही अनदेखी की धारणा को खत्म किया जा सके।