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उपचुनाव से पहले भाजपा ने जारी किया ब्लैक पेपर, प्रदेश में कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर घेरा

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The Angle
जयपुर।
उपचुनाव से पहले प्रदेश में सियासत परवान पर है। बीजेपी और कांग्रेस नेता एक-दूसरे को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी बीच भाजपा ने गहलोत सरकार की नीतियों के खिलाफ आज ब्लैक पेपर जारी किया। इस मौके पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सत्ता धारी कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।

प्रदेश में कांग्रेस ज्यादा दिन की मेहमान नहीं है- सतीश पूनिया

सतीश पूनिया ने कहा कि देश में कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक संक्रमण देश की राजनीति पर था जो धीरे-धीरे खत्म होता चला गया, लेकिन कांग्रेस रूपी संक्रमण अभी बरकरार है, हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक ये संक्रमण अब बहुत ज्यादा दिन का मेहमान नहीं है और राजस्थान में भविष्य में इसकी वापसी की कोई उम्मीद नहीं है।

वहीं किसान कर्जमाफी को लेकर कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावों में किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी की बात कही थी, आज भी किसान हाथ हिलाते हैं न में। अभी भी प्रश्न यही है सरकार कोई करामात कर दे और 59 लाख किसानों का 99 हजार करोड़ का कर्जा माफ कर दे। जिन किसानों ने सुसाइड किया, उन किसानों की कोई सुध नहीं ली गई और एक तरह से पूरे किसान तबके में हताशा और निराशा है। इतनी बड़ी वादाखिलाफी हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में कभी भी नहीं हुई है।

प्रदेश सरकार को पूनिया ने कई मुद्दों पर घेरा

सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार को प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जो छबड़ा में घटना हुई तीन-चार दिन पूर्व, सामान्य घटना लेकिन किस तरह से कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण नीति साफ तौर पर जाहिर होती है। क्या सरकार उन लोगों के करोड़ों रुपए के नुकसान की भरपाई करेगी, जिनकी दुकानें जला दी गईं ?

कांग्रेस नहीं, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी लड़ रहे हैं चुनाव- पूनिया

उपचुनाव को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, मैं बार-बार वहां जाता रहता हूं, ताज्जुब की बात ये हुई कि हमारे सामने कांग्रेस पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है, आमतौर पर पार्टियों के बीच में चुनाव होता है, लेकिन मुझे वहां कांग्रेस पार्टी ढूंढने से भी नहीं मिली, न बूथ पर थी, न विधानसभा में थी, वहां पर ये जरूर है, लोगों ने बताया है कि यहां पर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी चुनाव लड़ रहे हैं।

जिन मंत्रियों को जिन विधायकों को वहां पटका गया और पटक-पटककर ये दिखाया गया कि वहां के निवासियों को, कभी खान मंत्री राजसमंद में वहां के माइन्स ओनर्स को धमकियां देते हैं, कोई खान का व्वयसायी भाजपा के पक्ष में वीडियो बनाता है, फेसबुक पर पेस्ट करता है, तीसरे दिन उस वीडियो को डिलीट करके कांग्रेस के पक्ष में जारी कर देता है, इतना जल्दी हृदयपरिवर्तन अनायास नहीं होता है।

उपचुनावों में अर्ध सैनिक बलों की हो तैनाती- पूनिया

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने गहलोत सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव आयोग को दीया कुमारी को डराने-धमकाने और बीजेपी के कार्यक्रम में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के व्यवधान डालने को लेकर शिकायत दर्ज करवा दी है। लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने उसके लिए जिला कलेक्टर को ही जांच करने के लिए अपॉइन्ट कर दिया है। उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि उपचुनावों में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की जाए, ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।

अपने ही बोझ से गिरेगी सरकार- पूनिया

वहीं टीएमसी नेता के अनुसूचित समुदाय को लेकर विवादित टिप्पणी को पूनिया ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हर मामले पर ट्वीट करने वाले प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आना आश्चर्य पैदा करता है। पूनिया ने फिर से दोहराते हुए कहा कि मुझे लगता है कि जिस तरह की इनकी कमजोरी और अंतर्विरोध दिखता है, ये सरकार निश्चित रूप से अपने बोझ से गिरेगी और ये तीनों ही उपचुनाव इस बात का फैसला करेंगे निश्चित रूप से मुझे पूरा भरोसा है।

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