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भाईदूज पर देशभर में हर्षोल्लास, बहनों ने की भाई की लंबी आयु की दुआ

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दा एंगल।
जयपुर।
दीपोत्सव हिन्दुओं का सबसे बड़ा महोत्सव होता है। दीपावली के पांचवें दिन भाईदूज बनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाइयों की लंबी आयु की कामना करते हैं और भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। प्रदेश सहित देशभर में भाई दूज का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा हैं।

बहनों ने भाई के तिलक लगाकर उसकी दीर्घायु की कामना की। वही भाइयों ने बहन की रक्षा का वचन दिया। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं।

भाईदूज पर बहनों ने की भाइयों की खुशहाली दुआ

भाईदूज दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है और बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं। इस त्योहार के पीछे एक धारणा यह है कि यम देवता ने अपनी बहन यमी को इसी दिन दर्शन दिया था, जो बहुत समय से उससे मिलने के लिए व्याकुल थी।

अपने घर में भाई यम के आगमन पर यमुना ने प्रफुल्लित मन से उसकी आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन यदि भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे तो उनकी मुक्ति हो जाएगी। इसी कारण इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है। तभी से भाईदूज मनाने की प्रथा चली आ रही है।

जेलों में भी दिखा जश्न का माहौल

वहीं एक भाईदूज बनाया गया जेलों में। अक्सर लोगों के मन में भय का भाव जगा देने वाली जेल में जश्न का माहौल नजर आया। जश्न भी कोई छोटा-मोटा नहीं, बल्कि ये जश्न था भाई बहिनों के मिलन के पर्व भाईदूज का। हर साल की तरह इस बार भी भाईदूज के मौके पर जेलों में बहिनों ने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आकर अपने भाईयों को रक्षा सूत्र बांधा। मौका भाईदूज पर्व का था सो बहिनों को भी इस बात से कोई गुरेज नहीं था कि वह जेल में आई है और वह भी किसी न किसी आरोप या सजा में बंद भाई से मिलने।

लिहाजा जेल में बंद अपने भाइयों का ख्याल रखते हुए बहिने अपने भाइयों के लिए इस अनोखे पर्व पर उनके मनपसंद का खाना भी लेकर आई। भाई-बहन के रिश्ते के इस पर्व पर जेल में मिलने पहुंची बहनें खुश भी थी तो कई बार वे भावुक भी हो उठी। चाहत यही थी कि अगले रक्षा बंधन या भाईदूज से पहले भाई जेल से बाहर आये और उन्मुक्त जीवन जीए।

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