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कोरोना वैक्सीन को चिकित्सकीय मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बना ब्रिटेन, जानिए किस दिन से लगेगा टीका

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द एंगल।

नई दिल्ली।

दुनियाभर में तेजी से पैर पसार रही कोरोना महामारी के आतंक के बीच इसके वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बड़ी खबर है। ब्रिटेन (Britain) ने फाइजर और बायोटेक (Pfizer-BioNTech) की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ ब्रिटेन कोरोना वायरस की वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है।

ब्रिटेन में अगले सप्ताह शुरु हो जाएगा वैक्सीन का इस्तेमाल

फाइजर और बायोटेक (Pfizer-BioNTech) की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का इस्तेमाल ब्रिटेन में अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। ब्रिटेन सरकार ने ब्रिटिश नियामक, मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) की सिफारिश को मानते हुए वैक्सीन को मंजूरी दी है। एमएचआरए (MHRA) का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन कोरोना पीड़ितों को दिए जाने के लिए सुरक्षित है।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक (Matt Hancock) ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा, ‘MHRA ने औपचारिक रूप से कोविड-19 के लिए फाइजर/बायोटेक की वैक्सीन को अधिकृत किया है। एनएचएस टीकाकरण जल्द शुरू करने के लिए तैयार है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन दुनिया का पहला देश है, जिसने आपूर्ति के लिए चिकित्सकीय रूप से मंजूरी दी है।’

पूरी दुनिया में हाई क्वालिटी वैक्सीन की सप्लाई पर है फोकस- कंपनी

वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद फाइजर ने कहा कि ब्रिटेन का इस वैक्सीन के इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन का फैसला कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में ऐतिहासिक कदम है। कंपनी के सीईओ Albert Bourla ने कहा कि हम दुनिया के दूसरे देशों से भी यही उम्मीद कर रहे हैं और हमारा फोकस पूरी दुनिया को तुरंत हाई क्वालिटी वैक्सीन सप्लाई करने पर है।

रूस रजिस्टर करवा चुका है कोरोना की वैक्सीन, WHO ने जताया था संशय

बता दें इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया था कि उनके देश ने कोरोना वायरस की सुरक्षित वैक्सीन बना ली है और उसे रजिस्टर करवाते हुए उसे स्पूतनिक वी नाम दिया है। इसके साथ ही पुतिन ने यह भी जानकारी दी थी कि इस वैक्सीन की पहली डोज उन्होंने अपनी दोनों बेटियों को लगवाई है और वे दोनों ही बेहतर महसूस कर रही हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रूस की कोरोना की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को लेकर आशंका जताई थी। संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा।

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