द एंगल।
नई दिल्ली।
भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भारत की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के साथ कई सुरक्षा बल करते हैं। जिनमें से एक होते हैं बीएसएफ। यानी BSF ( सीमा सुरक्षा बल)। आज ही के रोज 1 दिसंबर 1965 में BSF की स्थापना हुई थी। बीएसएफ के स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी है। आइए जानते हैं बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के बारे में। साथ ही जानते हैं कैसे भारत को ये सुरक्षा प्रदान करते हैं।
पहले ऐसी थी बीएसएफ –
सबसे पहले आपको बता दें, भारतीय सेना और बीएसएफ जवानों में अंतर होता है। बीएसएफ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) में आते हैं। ये सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं। बीएसएफ पीस-टाइम के दौरान तैनात की जाती है, जबकि सेना युद्ध के दौरान मोर्चा संभालती है। बीएसएफ के जवानों को हमेशा सीमा की सुरक्षा के लिए तैयार रहना पड़ता है।
बीएसएफ के जवानों को सीमा पर तैनात किया जाता है, जबकि भारतीय सेना के जवान सीमा से दूर रहते हैं और युद्ध के लिए खुद को तैयार करते हैं। साथ ही यह क्रॉस बोर्डर ऑपरेशन भी करती है। आपको बता दें, भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ के जवानों से ज्यादा सुविधा मिलती है, इसमें कैंटीन, आर्मी स्कूल आदि की सेवाएं शामिल होती है। वहीं भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है, जबकि बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन होती है।
क्यों बना था BSF –
बीएसएफ की स्थापना पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई थी। ‘सीमा सुरक्षा बल’ के गठन से पहले इन सीमाओं पर संबंधित राज्य की सशस्त्र पुलिस तैनात थी। जिसके बाद एक ऐस सेना की स्थापना की जो सीमाओं की सुरक्षा के लिए थल सेना की तरह प्रशिक्षित हो तथा सीमा पार अपराध को रोकने के लिए पुलिस की तरह कार्य करें। 1 दिसबंर, 1965 को के। एफ। रुस्तमजी के कुशल नेतृत्व में ‘सीमा सुरक्षा बल’ का गठन किया गया था।