Home National बुलेट ट्रेन तो चली नहीं, रेलवे की स्थिति बदतर हुई दो साल...

बुलेट ट्रेन तो चली नहीं, रेलवे की स्थिति बदतर हुई दो साल मे

377
0

दा एंगल।
नई दिल्ली।
रेलवे में भारत से लोग सबसे ज्यादा रोज सफर करते हैं। इन यात्रियों के सफर करने से रेलवे को आमदनी होती है। भारतीय रेलवे हमेशा से ही मुनाफे में रही है। रेलवे करीब 160 वर्षों से भारत में परिवहन का मुख्य घटक रहा है। विश्व में सबसे ज्यादा नौकरियों भी रेलवे में हैं। इसमें करीब 13 लाख से अधिक लोग नौकरियां करते हैं।

मोदी सरकार को लगा झटका

जब से केन्द्र में सरकार बदली है तब से रेलवे के दिन खराब चल रहे हैं। एक तरफ तो मोदी सरकार देश में बुलेट ट्रेन लाने की तैयारी में जुटी हुई है वहीं दूसरी तरफ भारतीय रेल बीते 10 सालों में सबसे बुरे दौर में पहुंच गई है। रेलवे का ऑपरेशन काॅस्ट बढ़ता जा रहा है। इस बात की तस्दीक कैग ने की है।

कैग ने पेश की रिपोर्ट

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे की कमाई बीते दस सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। रेलवे का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष साल 2017-18 में 98.44 फीसदी तक पहुंच चुका है। यानी रेलवे 98 रुपये 44 पैसे लगाकर सिर्फ 100 रुपये की कमाई कर रही है। रेलवे को सिर्फ एक रुपये 56 पैसे का मुनाफा हो रहा है जो व्यापारिक नजरिए से सबसे बुरी स्थिति है। इसका सीधा अर्थ यह है कि अपने तमाम संसाधनों से रेलवे 2 फीसदी पैसे भी नहीं कमा पा रही है।

रेलवे में उच्च वृद्धि दर से घाटा

कैग ने लोकसभा में सौंपी अपनी रिपोर्ट में घाटे का मुख्य कारण उच्च वृद्धि दर को बताया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2017-18 के वित्तीय वर्ष में 7 दशमलव 63 फीसदी संचालन व्यय की तुलना में उच्च वृद्धि दर 10.29 फीसदी था. कैग के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2017-18 में 98.44 फीसदी तक पहुंच चुका है। कैग ने रेलवे की खराब हालत के लिए बीते दो सालों में आईबीआर-आईएफ के तहत जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल नहीं होना भी बताया है।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि रेलवे को बाजार से मिले फंड का पूरी तरह इस्तेमाल सुनिश्चित करना चाहिए।
कैग ने रेलवे के राजस्व को बढाने के उपाय भी सुझाए हैं। कैग की तरफ से कहा गया है कि सकल और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भरता को कम किया जाना चाहिए इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के दौरान रेल के पूंजीगत व्यय में कटौती की भी सिफारिश भी की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here