Home Politics राजसमंद सीट पर पहली बार होने जा रहा उपचुनाव

राजसमंद सीट पर पहली बार होने जा रहा उपचुनाव

253
0

The Angle
जयपुर।

राजस्थान में तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने जा रहे हैं। जिनमें उदयपुर संभाग की राजसमंद विधानसभा सीट भी शामिल है। सत्तर साल पहले गठित इस विधानसभा सीट पर पिछले दो दशक से कांग्रेस जीत के लिए तरस रही है।
राजसमंद सीट पर पहली बार हो रहे उपचुनाव होने वाले हैं। इससे पहले कभी भी इस सीट पर उपचुनाव नहीं हुए हैं। यहां पर पिछले तीन बार से भाजपा की किरण माहेश्वरी निर्वाचित होती रही है। वहीं राजसमंद सीट पर निर्वाचित भाजपा नेता किरण माहेश्वरी की मौत के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी। सत्तर साल पहले गठित राजसमंद विधानसभा में पहली बार उप चुनाव होने जा रहे हैं।

कांग्रेस को मिली सात बार जीत

राजसमंद सीट पर अब तक 1951 से 15 बार चुनाव हो चुके हैं। राजसमंद सीट पर पहली बार 1951 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए और पिछले पंद्रह बार हुए चुनाव में सात बार कांग्रेस को जीत मिली, वहीं छह बार भाजपा को जीत मिली है। राजस्थान की राजसमंद सीट पर दो अन्य विधायक भी निर्वाचित हो चुके हैं। इसके अलावा एक बार कृषि लोक परिषद पार्टी और एक बार जनता पार्टी का भी विधायक निर्वाचित हुआ है। कांग्रेस से अंतिम बार राजसमंद सीट से बंशीलाल गहलोत विधायक निर्वाचित हुए थे।

इस सीट पर राजसमंद सीट पर 1951 में हुए चुनाव में यहां से कृषि लोक परिषद पार्टी के भैरू सिंह निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 1957, 1962 में कांग्रेस के निरंजन नाथ आर्चा, 1967 में अमृतलाल याद, 1972 एवं 1980 में कांग्रेस के नानालाल वीरवाल, 1985 में मदनलाल खटीक, 1998में बंशीलाल गहलोत निर्वाचित हुए। जबकि भाजपा के लिए पहली बार 1990 में शांतिलाल खोईवाल निर्वाचित हुए, अगली विधानसभा के लिए भी जीते। जबकि 2013 में बंशीलाल खटीक तथा 2008,2013 तथा 2018 में लगातार भाजपा की किरण माहेश्वरी जीतीं।

राजस्थान में तीन सीटों पर होंगे उपचुनाव

उपचुनाव के लिए दोनों ही दल अभी तक प्रत्याशी का चयन नहीं कर पाए हैं। हालांकि दोनों ही प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस में कई दावेदार दौड़ में बने हुए हैं। खास बात यह है कि भाजपा का स्थानीय प्रत्याशी कभी भी राजसमंद सीट से जीत नहीं पाया। छह बार भाजपा के विधायक निर्वाचित हुए और सभी राजसमंद जिले के बाहर के ही थे। बारह साल तक किरण माहेश्वरी यहां से विधायक रही जो मूलतः उदयपुर की रहने वाली थीं। कैलाश मेघवाल यहां से 1977 में भाजपा से निर्वाचित हुए और वह भी उदयपुर के थे, दो बार निर्वाचित नानालाल वीरवाल चित्तौड़गढ़ जिले के घोसुंडा गांव के थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here