द एंगल।
जयपुर।
कोरोना वायरस की दवा की लॉन्चिंग के बाद से ही योगगुरु बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि सवालों के कठघरे में है। कोरोनिल दवा को लेकर उनकी ओर से किए गए दावों को लेकर अब बाबा रामदेव और 4 अन्य के खिलाफ प्रदेश की राजधानी जयपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामला कोरोनिल दवा का कोरोना वायरस की दवा के तौर पर भ्रामक प्रचार करने के आरोप में दर्ज कराया गया है।
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सहित 5 के खिलाफ दर्ज हुई FIR
कोरोना की दवा के तौर पर कोरोनिल को लेकर भ्रामक प्रचार करने के आरोप में जयपुर में जिन पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें पतंजलि के बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का नाम भी शामिल है। जयपुर के ज्योतिनगर थाने में शुक्रवार को ये एफआईआर दर्ज कराई गई। एफआईआर में योगगुरु रामदेव और बालकृष्ण के अलावा वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय, निम्स के अध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ. अनुराग तोमर को आरोपी बनाया गया है। ज्योतिनगर के थाना प्रभारी (SHO) सुधीर कुमार उपाध्याय ने इसकी पुष्टि की है।
आचार्य बालकृष्ण बोले- कोरोनिल को लीगली और क्लीनिकली कोरोना की दवा नहीं कहा
उधर आचार्य बालकृष्ण एक ट्वीट कर कोरोनिल दवा को लेकर किए गए अपने दावों से पलट गए हैं। आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर कहा है कि T-4 इस CTRI रजिस्टर्ड क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल के विषय में विवाद की किसी भी तरह की कोई गुंजाइश नहीं है। हमें सम्पूर्ण मानवता को इस कोरोना संकट से बाहर निकालने में संगठित रुप से, सद्भाभावनायुक्त मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने कोरोना के लिए क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल पूर्ण होने से पहले कोरोनिल टेबलेट को क्लीनकली व लीगली कोरोना की दवा कभी भी नहीं कहा। पतंजलि ने रोगियों के बेहतर अनुपालन (compliance) के लिए इन तीन मुख्य जड़ी-बूटियों अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी के घनसत्वों के संतुलित मिश्रण वाली इस कोरोनिल औषधि का विधिसम्मत पंजीयन कराया।