The Angle
जयपुर।
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट और ओल्ड पेंशन स्कीम के बाद अब राजस्थान और केंद्र की सरकारें एक और प्रोजेक्ट को लेकर आमने-सामने हो गई हैं। बाड़मेर के पचपदरा में बन रहे सीएम अशोक गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट पेट्रोलियम रिफाइनरी को लेकर भी केंद्र सरकार ने अड़ंगा लगाना शुरू कर दिया है। एक कार्यक्रम के लिए बाड़मेर पहुंचे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार रिफाइनरी निर्माण में अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार पर 2500 करोड़ रुपए बकाया हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने निर्माणाधीन रिफाइनरी का किया विजिट
बाड़मेर के पचपदरा पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने यहां निर्माणाधीन रिफाइनरी का विजिट किया। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ लहजे में राजस्थान सरकार को चेतावनी दी कि राजस्थान सरकार अपने हिस्से का पैसा दे, वरना केंद्र सरकार रिफाइनरी में उसकी हिस्सेदारी 16 परसेंट पर समेट देगी। बता दें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास करवाया था। लेकिन बाद में प्रदेश की सरकार बदल जाने से ये बड़ा प्रोजेक्ट सियासत का शिकार होकर 5 साल के लिए ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद सीएम गहलोत और कांग्रेस नेताओं के तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार पर दबाव बनाने के बाद साल 2018 में चुनाव से पहले इसे फिर से शुरू किया गया था।
केंद्र के मंत्री की चेतावनी- बकाया नहीं चुकाया तो 16 परसेंट रह जाएगी राज्य सरकार की हिस्सेदारी
वहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2024 में रिफाइनरी का प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। राजस्थान के बाड़मेर में ग्रीन फील्ड रिफाइनरी पेट्रोल केमिकल काम्प्लैक्स की स्थापना हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एचपीसीएल और राजस्थान सरकार की एक संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड एचआर एलोरा कर रही है। इसमें केंद्र की 74 फीसदी और राज्य की 26 फीसदी हिस्सेदारी है। मंत्री ने कहा कि अगर राजस्थान सरकार बकाया राशि 2500 करोड़ रुपए चुका दे तो 40 फीसदी भागीदारी उसकी रहेगी, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत सरकार रिफाइनरी का काम पूरा करवा कर राजस्थान सरकार की हिस्सेदारी 16% कर देगी।