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केंद्र सरकार ने बढ़ाई आयकर रिटर्न फाइल करने की सीमा, लेकिन पहले जान लें ये बात

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द एंगल।

नई दिल्ली।

करदाताओं को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 और वित्तीय वर्ष 2019 -20 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। अब करदाता वर्ष 2018-19 के लिए 31 जुलाई तक और वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 30 नवंबर 2020 तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकेंगे।

छोटे और मध्यम वर्ग की सुविधा को देखते हुए लिया फैसला

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स की ओर से कहा गया है कि यह आदेश इसलिए दिया गया है ताकि कोरोना महामारी के दौर में टैक्स पेयर्स को परेशानी ना हो और वे आसानी से अपना टैक्स जमा करा सकें। विभाग ने कहा कि छोटे और मध्यम वर्ग के करदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह आदेश पारित किया है। इसके साथ ही सरकार ने आधार संख्या को पैन कार्ड से जोड़ने की समय सीमा भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है।

विभिन्न योजनाओं में निवेश कर टैक्स छूट की अवधि भी बढ़ाई

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes- CBDT) ने एक अधिसूचना जारी कर वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न योजनाओं में निवेश के लिए समय को भी एक माह बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है। इस तरह करदाता आयकर कानून की धारा 80सी (जीवन बीमा, पेंशन कोष, बचत पत्र आदि), 80डी (चिकित्सा बीमा) और 80जी (दान) के तहत 31 जुलाई 2020 तक कर निवेश करके इन पर वित्त वर्ष 2019- 20 में टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

आयकर रिटर्न और शुल्क 30 जून के बाद चुकाने पर देना होगा 9 फीसदी ब्याज

बता दें सरकार ने मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को देखते हुए कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में छूट) अध्यादेश, 2020 के तहत आयकर कानून के विभिन्न अनुपालनों की समयसीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया था। सीबीडीटी ने 24 जून को एक अधिसूचना जारी कर अनुपालन की विभिन्न समयसीमाओं को और आगे बढ़ाकर करदाताओं को और राहत देने की पहल की है। बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह कहा गया है। इसके मुताबिक, “वित्त वर्ष 2018- 19 के लिए (आंकलन वर्ष 2019- 20) मूल रिटर्न के साथ ही संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 31 जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया गया है।” हालांकि इसके साथ ही करों और शुल्कों का देरी से भुगतान करने पर 9 प्रतिशत की घटी दर से ब्याज वसूले जाने की अध्यादेश में उल्लिखित सुविधा 30 जून 2020 के बाद किए जाने वाले भुगतान पर लागू नहीं होगी।

31 अक्टूबर तक सौंपी जा सकेगी ऑडिट रिपोर्ट

इससे पहले सरकार ने अध्यादेश जारी कर देरी से कर भुगतान पर लगाए जाने वाले ब्याज की दर को 12 से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया था। केंद्र सरकार ने इसके साथ ही आधार कार्ड को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है। विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2019- 20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 30 नवंबर 2020 तक के लिए पहले ही बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही कर ऑडिट रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा को भी 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। आयकर कानून की धारा 54 से लेकर 54जीबी के तहत पूंजीगत लाभ के मामले में ‘रोल ओवर’ लाभ, कटौती का दावा करने के वास्ते निवेश करने, निर्माण अथवा खरीदारी की समयसीमा को भी 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

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