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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में किया झंडारोहण, कहा-आज सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र बचाना

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दा एंगल।
जयपुर।
प्रदेश की राजधानी जयपुर में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता समारोह आयोजित किया गया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने झंडारोहण किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राज्य स्तरीय समारोह का शुभारम्भ किया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत तमाम अधिकारी और नेता मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने मार्च पास्ट का निरीक्षण किया।

राज्य स्तरीय समारोह में बैंड टुकड़ियों ने देश भक्ति से ओतप्रोत संगीत से माहौल में देश प्रेम के जज्बे को और बढाने का काम किया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने देशभक्ति के साथ लोकनृत्य के माध्यम से प्रदेश की रंग-बिरंगी छटा बिखेरी।

मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामना

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सर्वप्रथम प्रदेशवासियाें को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की को आजाद कराने के लिए अनगिनत लोगाें ने अपना बलिदान दिया है। आजादी के बाद इस दौरान गहलोत ने कहा कि करीब 25 लाख किसानों को हम ब्याज मुक्त कर दे रहे हैं। वहीं, महात्मा गांधी के नाम से अंग्रेजी विद्यालय खोले गए हैं। जनता को ये विश्वास दिलाना चाहूंगा की राजस्थान में आने वाले समय में आईटी बेस गवर्नेंस हो।

अशोक गहलोत ने कहा कि देश के नेताओं ने आजादी के लिए त्याग और बलिदान दिए। स्वतंत्रता सेनानियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। लाठियां और गोलियां खाई। हमारे मुल्क की खासियत है कि महात्मा गांधी के साथ अहिंसा के रास्ते पर चलकर आजाद हुआ है। जिससे दुनिया में एक संदेश गया। मान-सम्मान बढ़ा। तमाम उन लोगों को याद करता हूं जिन्होंने देश को लोकतंत्र की जिंदा रखा। इंदिरा गांधी की हत्या हो गई, खालिस्तान नहीं बनने दिया। देश को एक रखा। राजीव गांधी शहीद हो गए। इस प्रकार से एक लंबा इतिहास बना है। राजीव गांधी ने 21वीं सदी की सपना देखा है। आज जब क्रांति आई है तब समझ आया कि वो क्या चाहते थे

सादगी से मनाया स्वतंत्रता दिवस

वहीं सचिवालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह पारंपरिक सादगी के साथ मनाया। सीएम गहलोत सचिवालय प्रांगण में अपनी पत्नी सुनीता गहलोत के साथ आए और सबसे पहले बापू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद गहलोत ने ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली. फिर उन्होंने बापू की प्रतिमा के पास पौधरोपण किया। कोरोना के चलते इस बार कोई दूसरा कार्यक्रम नहीं हुआ।

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