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पुलिस विभाग को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया तोहफा, पुलिस, जेल और होमगार्ड के जवानों को हर साल मिलेगा 7 हजार रुपए वर्दी और किट भत्ता

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दा एंगल।
जयपुर।
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुलिस विभाग को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। अब राजस्थान सरकार द्वारा पुलिस, जेल और होमगार्ड के जवानों को हर साल 7 हजार रुपए एक मुश्त वर्दी और किट भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव पर गृह विभाग द्वारा मुहर लगा दी गई है। गहलोत सरकार द्वारा इस मंजूरी से पुलिस विभाग के कुल 90,621 कर्मियों को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने निर्णय से 90 कार्मिक होंगे लाभान्वित

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गृह विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में पिछले साल पुलिस, जेल और होमगार्ड विभाग के स्थायी कर्मचारियों को एकमुश्त 7 हजार रुपए वर्दी और वक्त भत्ता देने की घोषणा की थी। अब इसे मंजूरी मिलने के बाद पुलिस विभाग के कांस्टेबल से सहायक उप निरीक्षक स्तर तक के 86,487 कर्मियों, होमगार्ड विभाग के कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल तक के 422 और जेल विभाग के प्रहरी से लेकर उप कारापाल तक के 3712 कर्मारियों को फायदा मिलेगा। राज्य सरकार की इस घोषणा से राजकोष पर करीब 63 करोड़ 43 लाख रुपए का वित्तीय भार आएगा।

मेडिकल शिक्षा के पुनर्गठन को भी दी मंजूरी

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में नए चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के लिए गठित राजस्थान मेडिकल एज्यूकेशन सोसायटी का पुनर्गठन करने और सोसायटी के तहत 210 पदों के सृजन का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
गहलोत ने राजमेस सोसायटी का कार्यभार बढ़ने के क्रम में इसका पुनर्गठन करने और नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी है। वर्तमान में सोसायटी के संचालन के लिए 27 पद स्वीकृत हैं तथा सोसायटी के अधीन विभिन्न जिलों में 7 नए चिकित्सा महाविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। हाल ही में स्वीकृत 15 अतिरिक्त मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ भविष्य में स्वीकृत होने वाले अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों का संचालन भी इसी सोसायटी के अधीन किया जाना है।


चिकित्सा शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, राजमेस सोसायटी में प्रशासन, विधि, लेखा, आयोजना, खरीद, अकादमिक, अभियांत्रिकी, अस्पताल प्रशासन और सूचना तकनीक शाखाएं अथवा प्रभार गठित किए जाएंगे। इन शाखाओं के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों के लिए नियामक संस्थाओं द्वारा जारी मापदण्डों के अनुरूप अकादमिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों, निर्माण कार्यों, वित्तीय संसाधनों के प्रबंधन, पर्यवेक्षण, मॉनिटरिंग सहित समस्त क्रियाकलापों का क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश में प्रस्तावित नए चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के कार्य में तेजी आएगी और उनके संचालन का काम अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगा।

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