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प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों के खाने-पीने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की ये व्यवस्था

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दा एंगल।
जयपुर।
देश में कोरोना संकट की वजह से लाॅकडाउन लगाना पड़ा था। इसके बाद जो जहां था वह वहां ही रह गया। लाॅकडाउन के चलते उद्योग धंधे भी बंद हो गए। उद्योग धंधे बंद होने की वजह से प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को इसके बारे में पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों के बाद केन्द्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य भेजने के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू किया। इसके बाद ये प्रवासी मजदूर और श्रमिक अपने-अपने राज्य लौटने शुरू हो गए हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयास

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जानते हैं कि इस गर्मी के मौसम में बहुत दूर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों के सामने खाने-पीने की तकलीफ होगी। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रवासी श्रमिकों के लिए रेलवे स्टेशनों पर और बसों में ही चाय, नाश्ता, पानी एवं भोजन की व्यवस्था की है। ट्रेन से आने वालों की रेलवे स्टेशन पर ही स्क्रीनिंग करवाकर बसों से पहुंचाने की व्यवस्था भी की है।

जालौर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं जल्द बेहतर जांच सुविधा विकसित की जाए। मुख्यमंत्री ने जिस भी जिले में लौट रहे इन प्रवासियों के लिए वहां के प्रषासन को कहा है कि वे प्रवासियों की संख्या देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में क्वॉरेंटीन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। श्रमिक सड़क पर पैदल दिखाई दें तो उन्हें बसों से आगे भेजने की व्यवस्था करें या कैंप में पहुंचाकर उनके भोजन की व्यवस्था करें। राज्य सरकार ने उनके लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है।

सीएम ने ली अधिकारियों से जानकारी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना रोकथाम में हर आदमी को अपना योगदान देना होगा। गहलोत ने कहा कि पंचायत स्तर तक मौजूद सभी अधिकारियों, कर्मचारियों तथा सांसदों, विधायकों के साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों को बड़ी भूमिका निभानी होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कलेक्टर, जिला एवं उपखंड स्तरीय अधिकारियों से कोरोना जांच, क्वॉरेंटीन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अभी तक शहरों में कोरोना पॉजिटिव आमने आ रहे थे, लेकिन अब यह संक्रमण गांव में नहीं फैले। बाहर से आने वाले प्रवासियों को असुविधा नहीं हो। क्वॉरेंटीन में लोगों की मॉनिटरिंग के पुख्ता इंतजाम हो। प्रदेश में अभी 12 हजार से ज्यादा जांचे की जा रही है।

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