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गहलोत राज के एक साल में प्रदेश की महिलाएं बनी और मजबूत

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द एंगल।

जयपुर।

गहलोत सरकार ने अपने पहले साल में कई ऐतिहासिक कदम उठाए और उनका असर भी दिखने लगा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्ता संभालते ही सभी वर्गों की सुध ली। सीएम गहलोत ने अपने बजट में महिलाओं को बहुत सी सौगातें दी जिस से प्रदेश की महिलाएं और मजबूत बनी है।

इस घोषणा से महिलाएं बनेगी और मजबूत

मुख्यमंत्री ने महिलाओं के बहुआयामी सशक्तिकरण के लिए एक हजार करोड़ रुपए की इंदिरा गांधी महिला शक्ति योजना की घोषणा की। इस निधि से महिलाओं को उद्यम स्थापना के लिए सहयोग, आधुनिक अनुसंधान में सहायता, कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण, एवेयरनेस के लिए शिक्षा और पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास संबंधी गतिविधियां की जाएगी। सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कदम उठाते हुए लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने का संकल्प विधानसभा से पारित किया। इसके साथ ही महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें निःशुल्क बेसिक कम्प्यूटर की ट्रेनिंग दी गई। इस योजना के तहत 28 हजार 267 महिलाओं और बालिकाएं लाभान्वित हुई।

पेंशन राशि में की बढ़ोतरी-

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा और एकल नारी की सुध ली। 55 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को दी जाने वाली पेंशन राशि में बढ़ोतरी की। जो पहले पेंशन 500 रुपए मिलती थी उसको बढ़ाकर 750 रुपए प्रतिमाह कर दी गई। इसके साथ ही गहलोत सरकार ने एक अपने एक साल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी की।

पहले जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को छह हजार रुपए मिलते थे उसको बढ़ाकर साढे़ सात हजार रुपए कर दिया गया। वहीं मिनी आंगनबाड़ी कायकर्ता का मानदेय साढ़े चार हजार रुपए से बढ़ाकर पांच हजार 750 रुपए और आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय साढ़े तीन हजार रुपए से बढ़ाकर चार हजार दो सौ पचास रुपए कर दिया गया। वहीं लंबे समय से अपने मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही आशा सहयोगिनियों एवं साथिनों का मानदेय 200 रुपए प्रतिमाह बढाया गया।

 

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