The Angle
जयपुर।
सीएम अशोक गहलोत अपने एक दिवसीय दौरे पर जोधपुर पहुंचे। यहां गहलोत ने जोधपुर के तिलवासनी गांव जाकर जहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांशीराम विश्नोई को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया, वहीं मुख्यमंत्री पीपाड़ भी गए। यहां उन्होंने अपने सहपाठी रहे सत्यनारायण शर्मा और वल्लभ शर्मा के निधन पर भी शोक व्यक्त किया। इस दौरान सीएम गहलोत परिवार के किसी सदस्य की तरह शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाते नजर आए। वहीं जोधपुर से रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री मीडिया से भी रूबरू हुए और पीपाड़ से अपने सालों पुराने जुड़ाव का जिक्र किया।
पीपाड़ पहुंचते ही ताजा हो गईं सीएम गहलोत की बचपन की यादें
उन्होंने कहा कि पीपाड़ शहर में उन्होंने पढ़ाई करने के बाद में खाद-बीज और खेती में काम में ली जाने वाले केमिकल्स की दुकान खोली थी। इसलिए उनका रिश्ता पीपाड़ से करीब 50 साल पुराना है, इसलिए लोग पीपाड़ को उनका दूसरा घर भी कहते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि मैं यहां आया और सबसे मिला तो पुरानी यादें सब ताजा हो रही हैं। क्योंकि मैं खुद दुकान पर बैठता था, खाद बेचता, बीज बेचता, तो कई लोग पुराने मुझे मिले हैं, पुराने चेहरे सब याद आ गए, तो ये स्थिति है।
अस्पताल की मांग पर बोले मुख्यमंत्री- आपस में तय कर लो ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिले
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने स्थानीय नेताओं और लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं भी सुनीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पीपाड़ में अस्पताल की प्रॉब्लम है। उसके लिए कहा है कि सब लोग आपस में मिलकर तय करो कि अंदर या बाहर, जहां भी बनाना है। हमने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल बना दिया है पीपाड़ के अंदर, तो आप बताइए कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल बनाना बड़ी बात है और यहां 100 गांव लगते हों आसपास के, तो ऐसी जगह बनना चाहिए जहां सबको फायदा मिले, शहर वालों को भी फायदा मिले, बाहर वालों को भी फायदा मिले, पर लड़ाई ही चलती जाएगी तो फिर वो अस्पताल आएगा कैसे ? आएगा भी नहीं।