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सीएम गहलोत ने उपचुनाव से पहले फेल किया बीजेपी का एक और पैंतरा

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The Angle

जयपुर।

गहलोत सरकार को घेरने के लिए भाजपा नित नए पैंतरे अपनाती रहती है, लेकिन हर बार उसके ये तरीके फेल साबित हो रहे हैं। पिछले दिनों जहां सरकार ने विधायकों के फोन टैपिंग से जुड़े मामले को लेकर विपक्ष की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम पर स्थिति स्पष्ट की थी, वहीं अब सरकार ने सियासी संकट के दौरान विधायकों की सुरक्षा से जुड़े सवाल का जवाब देकर एकबार फिर भाजपा को मात दे दी है।

सरकार ने विधायकों की बाड़ेबंदी पर अतिरिक्त खर्च करने से किया इनकार

पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के विधायकों की 35 दिन लंबी चली बाड़ेबंदी पर सरकार ने सुरक्षा पर कोई भी अतिरिक्त खर्च करने से इनकार किया है। गृह विभाग की ओर से दिए गए जवाब में लिखा है कि माह जून, जुलाई, अगस्‍त 2020 में विधायकों को उनकी सुरक्षा के लिए राज्‍य स्‍त‍रीय रिव्‍यू कमेटी के अनुसार आवंटित सुरक्षा श्रेणी के तहत ही सुरक्षा दी गई है, अलग से कोई सुरक्षा नहीं दी है।

रूट से आने-जाने वाली सभी गाड़ियों की करवाई जा रही थी चेकिंग

जयपुर और जैसलमेर के होटलों के बाहर कई स्तर की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। सूर्यागढ़ होटल के रास्तों पर थ्री टीयर सुरक्षा घेरा अंदर तक था। दो किलोमीटर पहले तक नाके लगवाकर उस रूट से आने जाने वालों को चेक किया जाता था।

जयपुर और जैसलमेर में थ्री टीयर सुरक्षा के घेरे में थे विधायक

बाड़ेबंदी के वक्त विधायकों की सुरक्षा के लिए जयपुर से ही 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीम जैसलमेर गई थी। जिसके पास होटल के अंदर राउंड द क्लॉक सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। होटल के अंदर थ्री टीयर सुरक्षा घेरा और फिर बाहर की सुरक्षा भी जयपुर से गए पुलिस जवानों को दी गई थी। बाड़ेबंदी के वक्त कई जिलों से पुलिस जाप्ता बुलाया था। जयपुर से दो IPS, 9 RPS, 17 इंस्पेक्टर और 88 पुलिसकर्मियों की टीम को जैसलमेर भेजा गया था।

गहलोत सरकार की ओर से राजस्थान विधानसभा की वेबसाइट पर दिया गया जवाब

बता दें राजस्थान विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान अगस्त में दिवंगत भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी और भाजपा के सचेतक जोगेश्वर गर्ग के सवालों के जवाब में सरकार ने विधानसभा की वेबसाइट पर ये जानकारी दी है। वहीं सरकार का जवाब आने के साथ ही एकबार फिर यह साबित हो गया है कि गहलोत सरकार जनता द्वारा सौंपी गई ताकत का उपयोग अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने में नहीं कर रही है।

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