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सीएम गहलोत को अब मिला इन 6 राज्यों का भी समर्थन

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द एंगल।

जयपुर।

लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों की वापसी के लिए राज्यों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बाद अब पंजाब, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, बिहार और झारखंड ने भी प्रवासियों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की मांग की है। इन राज्यों का कहना है कि लाखों लोगों को बसों से इधर-उधर भेजने की प्रक्रिया पूरी होने में तो महीनों का समय लग जाएगा।

राजस्थान के लिए विशेष ट्रेनें चलाने को मिल सकती है मंजूरी

हालांकि इस मांग पर गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एक बार फिर स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी लोगों के समूहों को सिर्फ बसों के जरिए ही राज्यों के बीच आवाजाही की छूट दी गई है। लेकिन माना जा रहा है कि सीएम गहलोत की मांग के बाद राजस्थान के लिए विशेष ट्रेनें चलाने को मंजूरी दी जा सकती है। राज्य सरकार के साथ केंद्र के बीच हुई वार्ता में इस बात के संकेत मिले हैं। सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को जिला कलेक्टरों के साथ हुई वीसी में निर्देश दिए कि विशेष ट्रेनों के संचालन को अनुमति मिलने की संभावना को ध्यान में रखते हुए वे रेलवे अधिकारियों के साथ रूट प्लान तैयार करें।

करीब 10 लाख प्रवासी करवा चुके पंजीकरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में करीब 10 लाख प्रवासियों ने अपने गृह स्थान पहुंचने के लिए पंजीयन कराया है। इनमें से करीब 70% संख्या राजस्थान आने वालों की है। श्रमिकों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी उनके सुरक्षित आवागमन और क्वारेंटाइन सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। अफसर विशेष ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे के साथ मिलकर रूट मैप तैयार करें। बता दें कि प्रवासियों की घर वापसी की केंद्र से मंजूरी के तुरंत बाद सबसे पहले सीएम गहलोत ने ही विशेष ट्रेनें चलाने की मांग की थी। अब 6 राज्य भी उनका जैसा ही तर्क दे रहे हैं।

विशेष ट्रेनें चलाने के लिए विभिन्न राज्यों ने दिए ये तर्क

  • पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- पर्याप्त स्क्रीनिंग के साथ सुरक्षित तरीके से सिर्फ ट्रेनों में ही भेजना संभव है।
  • तेलंगाना के मंत्री टी. श्रीनिवास यादव ने कहा कि राज्य में 15 लाख प्रवासी हैं। अगर इन्हें बसों से भेजा जाएगा तो 3 से 5 दिन लग जाएंगे।
  • बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रदेश में लौटने वालों की तादाद काफी ज्यादा है। नॉन स्टॉप ट्रेनें चलानी चाहिए क्योंकि प्रवासियों को बसों से लाने में तो महीनों का समय लग जाएगा।
  • केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य में 3.60 लाख प्रवासी मजदूर हैं। बसों से में भेजने से संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा।
  • तमिलनाडू के सीएम ने कहा- केंद्र की स्पष्ट गाइडलाइंस का इंतज़ार है।
  • वहीं कर्नाटक सरकार ने कहा कि बसों का खर्च खुद उठाना होगा।

केंद्र का निर्देश- ट्रकों के लिए अलग पास की जरूरत नहीं

गृह मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि लॉकडाउन के दौरान एक से दूसरे राज्य में जाने के लिए ट्रकों को अलग से पास की जरूरत नहीं है। हालांकि यह छूट सिर्फ सामान ले जा रहे या डिलीवरी देकर लौटने वाले ट्रकों पर लागू होगी।

मजदूरों की वापसी के लिए पहली स्पेशल ट्रेन हुई रवाना

प्रवासियों और मजदूरों की वापसी के लिए विशेष ट्रेन की मांग के बीच लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए रेलवे ने पहली स्पेशल ट्रेन खोल दी है। लॉकडाउन में फंसे 1 हजार 200 मजदूरों को लेकर तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन आज शुक्रवार को रवाना हो गई। बता दें कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए यह किसी बड़े राहत से कम नहीं है। हालांकि आगे और कितनी ऐसी ट्रेनें चलेंगी, अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

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