The Angle
नई दिल्ली।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करने वाले मामले पर कांग्रेसियों में खासा आक्रोश है। ऐसे में आज देशभर में राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और कांग्रेस की जिला और ब्लॉक कमेटियों की ओर से संकल्प सत्याग्रह किया जा रहा है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजघाट पर भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
राहुल गांधी ने कल कहा था- मैं सदन में रहूं या नहीं रहूं, मुझे तो देश की आवाज उठानी है
इससे पहले मीडिया से रूबरू होते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि जब राहुल गांधी जी ने कल कहा कि एजेंडा क्या है, तो पूरे देश में मैसेज चला गया और इन्होंने कह दिया भई कि मैं चिंता नहीं करता हूं कि मैं हाउस में रहूं या नहीं रहूं, मुझे तो जो देश की आवाज है, उसको मुझे उठाना है। देश की आवाज है कि लोकतंत्र बचना चाहिए, लोकतंत्र बचेगा तभी देश एक रहेगा, अखंड रहेगा, मेन बात यही है और उस पर पूरे देश के अंदर वो ही मैसेज गया है। कई प्लेटफॉर्म जो हैं, इंटलेक्चुअल बोलते रहते हैं, उन सबकी भाषा एक ही थी कि बिलकुल यही सही रास्ता है देश को, लोकतंत्र को बचाने का। बहुत खतरनाक दौर से ये देश गुजर रहा है।
गहलोत बोले- पीएम मोदी पर लगे आरोपों पर उनकी चुप्पी शक पैदा कर रही
उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि अब तो आपको सबको आगे आना पड़ेगा और जो एक शुरुआत हुई है और जो आरोप कल राहुल जी ने लगाए हैं कि अडानी जी और प्राइम मिनिस्टर का क्या रिश्ता है ? तो प्राइम मिनिस्टर मोदी जी, मैं समझ नहीं पा रहा हूं, मैं 50 साल से देख रहा हूं, राजनीति में हूं मैं कि कोई भी इश्यू बनता है तो सरकार भी और जिस पर आरोप लगते हैं, वो जवाब देता है, चाहे पार्लियामेंट के अंदर दो, असेंबली में दो या बाहर दो या पार्लियामेंट के बाहर दो, ये पहला किस्सा है देश के अंदर जिसमें प्रधानमंत्री मोदी जी मौन धारण किए हुए हैं, उससे और ज्यादा शक पैदा होता है।
अगर आप अपनी बात कह दो देश को पार्लियामेंट के अंदर या बाहर, तो उनका पक्ष तो आए कि प्राइम मिनिस्टर क्या कहना चाहते हैं वापस ? एक इतने बड़े नेता ने आरोप लगाए हैं, उसका जवाब अगर प्रधानमंत्री जी नहीं देंगे, तो ये और ज्यादा तकलीफ पाएंगे।
लोकसभा और राज्यसभा में लगे आरोपों पर चुप हैं पीएम मोदी, लोग पूछ रहे सवाल- गहलोत
गहलोत ने कहा कि अब तो पराकाष्ठा हो गई न, पहले नहीं बोले, नहीं बोले, तभी तो ये इश्यू बनता जा रहा है और प्रधानमंत्री जी को आगे आकर, इतने बड़े आरोप लग रहे हैं, लोकसभा के अंदर लग रहे हैं, राज्यसभा में लग रहे हैं और देश में लग रहे हैं, पूछ रहे हैं लोग कि भई ये क्यों नहीं बोल रहे हैं, तो ये पहला किस्सा है जिसमें जवाब नहीं आ रहा है और डेमोक्रेसी में जवाब आना आवश्यक होता है। नंबर 2, राहुल गांधी ने कल कहा था कि मैं स्पीकर से मिला लोकसभा के कि भई आप मुझे तो नियम कहते हैं लोकसभा के, आरोप लगे, 4 मंत्रियों ने जो आरोप लगाए, तो जो मेंबर होता है पार्लियामेंट का उसका अधिकार होता है वापस स्पष्टीकरण देने का, उसका टाइम भी आप नहीं दे रहे हो, तो आप क्या चाहते हो ?
विपक्ष की एकजुटता शुभ संदेश, इसी से एनडीए की तानाशाही प्रवृत्ति का मुकाबला कर पाएंगे- गहलोत
वहीं राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के फैसले पर विपक्ष के राहुल के समर्थन में आने को गहलोत ने देश के लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत बताया। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि ये ही भावना सबकी रही, तब भी आप जो ये तानाशाही प्रवृत्ति की सरकार है एनडीए की, इसका आप मुकाबला कर पाएंगे और वक्त आ गया है मुकाबला करने का और सबको एकजुट होने का।