वीरांगनाओं को लेकर उठा विवाद अब सियासी रुप ले चुका है .और इस मामले में पर सदन में जमकर बयानबाजी भी हो रही है .वही पुलवामा शहीद रोहिताश लांबा की वीरांगना मंजू को देकर के नाते जाने के बयान से शांति धारीवाल मुकर गए है .अब उन्होने सदन में अपनी सफाई में नया बयान दिया है .अपने बयान से पल्ला झाड़ा है.
धारीवाल ने दी बयान पर सफाई
संसदीय कार्य मंत्री सदन में मंजू जाट पर दिए बयान से मुकर गए.उन्होने आज सदन में कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मंजू जाट देवर के नाते गई, वीरांगना सुंदरी देवी नाते गई। और ये बात खुद सुंदरी देवी ने एक इंटरव्यू में भी कही है .लेकिन मेरी बातों का गलत अर्थ निकाल कर हंगामा किया जा रहा है .वही उनके इस बयान पर भी विपक्ष ने कड़ी आपत्ति की.
धारीवाल ने विवाद बढ़ने के बाद दिया नया बयान
शांति धारीवाल ने सदन में सफाई देने के लिए समय मांगा था.उन्होने कहा कि मैं अपना स्पष्टीकरण देना चाहता हूं। आप विधानसभा की वीडियो रिकॉर्डिंग देख लीजिए। मैंने मंजू जाट के बारे में एक शब्द नहीं बोला कि वह नाते गई है, सिवाय इसके कि उसका देवर पहले से शादीशुदा है। यह तो सच है।मैंने यह कहा था कि मंजू जाट का देवर पहले से शादीशुदा है, जिसके लिए वह नौकरी मांग रही है, जबकि मंजू के बच्चों को नौकरी मिलनी चाहिए, मैंने यह कहा था।
मंत्री का ये बयान बना विवाद का कारण
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार को सदन में कहा था कि रोहिताश लांबा की पत्नी का देवर तो पहले ही शादीशुदा था.उसके दो बच्चे है और फिर वो नाते चली गई.अब नाते जाकर कहती है कि मेरे देवर को नौकरी दो। ये तो गलत तमाशा लगा रखा है .और कही ऐसा हुआ भी नहीं है कि नियमों के खिलाफ किसी को नौकरी मिल गई हो.