Home Politics दिव्या मदेरणा का सदन में फिर दिखा तेज तर्रार अवतार, मंत्री धारीवाल...

दिव्या मदेरणा का सदन में फिर दिखा तेज तर्रार अवतार, मंत्री धारीवाल पर बसीं, सीएम गहलोत का किया समर्थन

227
0
दिव्या मदेरणा का सदन में फिर दिखा तेज तर्रार अवतार, मंत्री धारीवाल पर बसीं, सीएम गहलोत का किया समर्थन

The Angle

जयपुर।

राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर कांग्रेस की तेज-तर्रार महिला विधायक दिव्या मदेरणा ने मंत्री शांति धारीवाल को कटघरे में खड़ा किया। दिव्या मदेरणा ने मंत्री शांति धारीवाल पर आरोप लगाया कि एक तो पिछले 4 साल में उनकी विधानसभा ओसियां में एक सूत भी सड़क नहीं बनवाई गई। वहीं अब जो 44 सड़कें विधानसभा में बनाई जानी थीं, उन्हें मेरे वीरांगना की आवाज बनने के चलते मंत्री शांति धारीवाल ने राजनीतिक बदला लेने के लिए 2 दिन में निरस्त कर दिया।

दिव्या मदेरणा बोलीं- जो मंत्री खुद आलाकमान से दया की भीख मांग रहा वो मंत्री कैसे रह सकता है

ओसियां विधायक ने कहा कि जो मंत्री खुद दोषी है और आलाकमान से दया की भीख मांग रहा है, वह मंत्री कैसे रह सकता है। दिव्या ने कहा कि मुझे लगता है कि मंत्री शांति धारीवाल जो आलाकमान को भी चुनौती दे सकते हैं। वे यह सब इसलिए कर रहे हैं कि वे खुद तो डूबे ही, सभी कांग्रेस नेताओं को भी ले डूबे। लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मैं पहले भी चुनाव जीत कर आई थी और आगे भी जीतूंगी।

मंजू जाट का अपमान एक वीरांगना का अपमान- दिव्या मदेरणा

दिव्या मदेरणा ने कहा कि मंत्री शांति धारीवाल वीरांगना मंजू जाट का अपमान कर जाटों, गुर्जरों और किरोड़ी लाल मीणा को आतंकी बोल मीणा जाति को नाराज कर जबरदस्त सोशल इंजीनियरिंग कांग्रेस के पक्ष में कर रहे हैं। जबकि ये तीनों जातियां कांग्रेस का मूल वोट बैंक रहा है। दिव्या ने कहा कि मंजू जाट का अपमान एक वीरांगना का अपमान है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं चेतावनी दे रही हूं कि मुख्यमंत्री या तो इस मामले में इंटरफेयर कर मेरी सड़कें पास करवाएं, नहीं तो मैं भी उन वीरांगनाओं की तरह मुंह में घास दबाकर प्रदर्शन करूंगी और अगर दम हो तो मंत्री मुझे उठा कर दिखा दें।

देवर को नौकरी मामले पर सीएम गहलोत के समर्थन में आईं

हालांकि दिव्या इस बात के लिए सीएम गहलोत के समर्थन में नजर आईं कि वीरांगनाओं की मांग के मुताबिक उनके शहीद पतियों की अनुकंपा नियुक्ति उनके देवरों को न दी जाए। दिव्या ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री की इस बात का समर्थन करती हूं कि शहीद जवानों की अनुकंपा नियुक्ति परिवार के बाहर किसी को न दी जाए ताकि कल को पीहर या अन्य किसी रिश्तेदार की तरफ से उसे घर में रखने के लिए सरकार से नौकरी मांगकर लाने का अनुचित दबाव न बनाया जा सके।

Previous articleरफीक खान बोले- अशोक लाहोटी के रहते द्रव्यवती घोटाला हुआ, लाहोटी बोले- आप एफिडेविट दें
Next articleवीरांगनाओं पर दिए बयान पर शांति धारीवाल ने लिया यू-टर्न,कही ये बड़ी बात !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here