The Angle
जयपुर।
राजस्थान की राजनीति में काफी दिनों से साइड लाइन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे फिर से सक्रिय हो गई। कोटा-बारां में बारिश के बहाने पूर्व सीएम में अपनी ताकत का अहसास कराया। बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के दौरान जगह-जगह उनका स्वागत किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़े जोश के साथ उनका स्वागत किया। हाड़ौती दौरे के दौरान उनके बड़े-बड़े हाॅर्डिंग लगाए गए। इन हाॅर्डिंग्स से प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया गायब रहे।
दो दिन रहीं हाड़ौती केे दौरे पर
हाड़ौती संभाग में हुई अतिवृष्टि के बाद राजे ने दो दिन तक बूंदी और झालावाड़ क्षेत्रों के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा किया है। अब वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विभिन्न मसलों पर चर्चा की। वहीं भाजपा के विपक्ष में आने के बाद से राजे की फील्ड में मौजूदगी चुनिंदा अवसरों पर ही देखी गई है। वे अक्सर संवेदनशील मसलों को वर्चुअल माध्यम से ही उठाती रही हैं। ट्वीट बयानों के माध्यम से उनका गहलोत सरकार को निशाने पर लेने का सिलसिला लगातार जारी है। राजे ने हाड़ौती संभाग में रहे बाढ़ के हालातों को लेकर संबंधित जिला प्रशासन के साथ समीक्षा की और प्रभावित किसानों और आमजन तक राहत पहुंचाने को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। गौरतलब है कि अभी दिल्ली में हुई भजापा संसदीय दल की बैठक में भी वसुंधरा राजे नजर आई थीं।
राजस्थान की जनता के दिलों में हूं
राजस्थान की राजनीति से लंबे समय से गायब रहीं वसुंधरा राजे फिर से सक्रिय हो गई है। हाड़ौती में बाढ़ग्रस्त इलाकों के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वो पोस्टर की राजनीति पर विश्वास नहीं करती हैं। 30 साल से वो जनता के दिलों में जगह बनाने की कोषिष कर रही है। उन्होंने कहा कि दो दिन के दौरे के दौरान उन्होंने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हिस्सा देखा है। पूर्व सीएम राजे ने कहा कि हालात बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि 40 सालों में ऐसा कभी देखा नहीं है। राजे ने कहा कि सरकार को इन बाढ़ग्रस्त इलाकों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने से पहले राजमाता ने उनसे कहा था कि पांचों अंगुलियां बराबर नहीं होती है। पांचों अंगुलियां बराबर नहीं होने के बाद भी सबको साथ लेकर चलना पड़ता है।