द एंगल
महाराष्ट्र।
पिछले दो महीनों से दिल्ली में लगातार किसानों का आंदोलन जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान और सरकार की कई बार वार्ता भी हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई बात नहीं बन पाई है। वहीं किसानों के समर्थन में कई राजनीतिक पार्टियां भी सामने आई है। अब समाजसेवी हजारे अन्नदाताओं के साथ खडे हो गए है। किसानों का साथ देने के लिए और केंद्र की सरकार के खिलाफ अन्ना हजारे 30 जनवरी से आमरण अनशन करेंगे।
रालेगण सिद्धि से शुरू होगा अनशन
रालेगण सिद्धि के यादव बाबा मंदिर मे अन्ना हजारे अपना अनशन करेंगे। अन्ना हजारे के इस ऐलान के बाद सरकार भी काफी सतर्क हो गई है। वहीं बताया जा रहा है की हजारे के अनशन को रोकने के लिए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी खुद रालेगण सिद्धि जाएंगे।
अन्ना की मांगों को अनदेखा कर रही है सरकार
अन्ना का कहना है की 2018 से वह केंद्र सरकार से विनती कर रहे है की स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाए, लेकिन सरकार इन मांगों को अनदेखा कर रही है। अन्ना ने बयान जारी करते हुए अपने समर्थकों से यह अपील की है कि वे जहां पर हैं वहीं से इस प्रदर्शन में हिस्सा लें।
पिछले महीने उन्होंने कहा था कि अगर केन्द्र सरकार किसानों से संबंधित मांगों को नहीं मानती है तो वह भूख हड़ताल शुरू करेंगे। 83 वर्षीय समाजसेवी अन्ना हजारे ने आगे कहा था कि यह उनका आखिरी आंदोलन होगा।
बता दें कि अन्ना को मनाने के लिए केंद्र सरकार जोर-शोर से जुटी हुई है। अब तक महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, अहमदनगर के सांसद सुजय विखे पाटिल समेत अन्य नेता अन्ना से रालेगण सिद्धि में मुलाकात कर चुके हैं।
इस मामले को सुलझाने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर भी कमर कस चुके हैं। उन्होंने दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन से मुलाकात कर एक ड्राफ्ट तैयार किया, जो अन्ना हजारे को दिया गया है। हजारे इस ड्राफ्ट की कमियों की जानकारी देंगे। अगर सरकार इन कमियों को दूर करने पर हामी भरती है तो हजारे अपना अनशन वापस ले सकते हैं।