The Angle
जयपुर।
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हो चुकी है। अब गहलोत सरकार शहरी ओलंपिक की तैयारियों में लग गई है। अगले महीने 26 जनवरी से शहरी ओलंपिक शुरू होने जा रहा है। हालांकि चर्चाएं हैं कि ग्रामीण ओलंपिक की तरह ही शहरी ओलंपिक खेलों के उद्घाटन की तारीख में भी बदलाव हो सकता है।
मंत्री अशोक चांदना ने किया शहरी ओलंपिक खेलों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल का शुभारंभ
इसे लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना ने जयपुर में सचिवालय में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान युवा एवं खेल मामलात मंत्री चांदना ने शहरी ओलंपिक खेलों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने से जुड़े पोर्टल का शुभारंभ करने के साथ ही खेलों के आयोजन की तैयारियों को लेकर जानकारी दी। मंत्री चांदना ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों की भारी सफलता के बाद अब सरकार की ओर से शहरी ओलंपिक कराया जा रहा है। इसके लिए आज से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। प्रदेश में 240 नगरीय निकायों में शहरी ओलंपिक होंगे। इसमें 10 नगर निगम, 36 नगर परिषद और 194 नगर पालिकाएं शामिल हैं। चांदना ने कहा कि शहरी ओलंपिक की 26 जनवरी से शुरुआत होगी। लेकिन हो सकता है कि इस तारीख में बदलाव कर दिया जाए क्योंकि समय बहुत कम है और ओलंपिक का कार्यक्रम बड़ा है।
शहरी ओलंपिक खेलों के आयोजन को लेकर कार्यक्रम जारी
फिलहाल शहरी ओलंपिक को लेकर जो कार्यक्रम जारी किया गया है, उसके अनुसार 26 से 31 जनवरी तक नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम स्तर पर 6 दिन तक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इसके बाद 13 से 16 फरवरी तक 4 दिन तक जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं होंगी। फिर 25 से 28 फरवरी तक 4 दिन तक राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।
7 खेलों को शहरी ओलंपिक में किया गया शामिल
शहरी ओलंपिक खेलों में कुल 7 खेलों को शामिल किया गया है। इनमें कबड्डी, टेनिस बॉल क्रिकेट, खो-खो, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, फुटबॉल और बास्केटबॉल की खेल प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इनमें से खो-खो जहां केवल बालिका वर्ग के लिए रखा गया है, जबकि अन्य सभी खेलों में बालिकाएं और बालक दोनों वर्गों की प्रतियोगिताएं होंगी। इसके अलावा एथलेटिक्स में 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर दौड़ की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।
कांग्रेस में विस्फोट की आशंका पर बोले चांदना- 4 साल तक विपक्ष की भूमिका नहीं निभा सकी भाजपा
वहीं राहुल गांधी के राजस्थान से जाते ही प्रदेश कांग्रेस में किसी बड़े विस्फोट की आशंका को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी। चांदना ने कहा कि 4 साल में भाजपा के नेता विपक्ष की भूमिका निभाने में पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। पार्टी के इतने नेता खुद को सीएम पद का दावेदार मानते हुए चल रहे हैं कि इनकी पार्टी की हालत बहुत बुरी बनी हुई है।
9 में से 7 विधानसभा उपचुनावों में भाजपा को हार झेलनी पड़ी है, जबकि जब 2013 से 2018 के दौरान जब भाजपा की सरकार प्रदेश में थी, तब 8 उपचुनाव हुए थे, इनमें से 6 उपचुनाव कांग्रेस जीती थी, तब कांग्रेस का वातावरण बना और ये पता लग गया कि बीजेपी के काम से जनता में रोष है और इस बार इनका तख्तापलट होगा, वो हो गया। इस बार 9 में से 7 उपचुनाव कांग्रेस पार्टी जीती है, वहीं भाजपा ने 9 में से केवल एक सीट पर चुनाव जीता, तो इसलिए उनको अब कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसलिए पार्टी अब सोच रही है कि ऐसा कुछ हो जाए कि बिल्ली के भाग्य से छींका टूट जाए, लेकिन उनके सपने कभी कामयाब नहीं होंगे।