दा एंगल।
जयपुर।
प्रदेश सहित देशभर में गोवर्धन पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। घरों में गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा की जा रही है। इस दिन वरुण, इन्द्र, अग्नि देवताओं की पूजा की जाती है। गाय, बैलों का स्नान कराकर विधिविधान से गोवर्धन पूजा होती है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने बृजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाकर रखा।
गोवर्धन पर मंदिरों में सज रही 56 भोग की झांकी
गोवर्धन के दिन ही भगवान ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा, तभी से हर साल यह पर्व मनाया जाता है। मंदिरों में ठाकुर जी को विभिन्न व्यंजनों का भोग लग रहा है। घरों में चावल, बाजरा, कढ़ी, साबुत मूंग और सभी सब्जियां मिलाकर अन्नकूट बना। इसी कड़ी प्रदेश की कई मंदिरों में ठाकुरजी की विषेष पूजा अर्चना हुई। परिवार की सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना के लिए महिलाएं मंदिर में जा रही है। इस दौरान कोई दीपक से आरती कर रहा है तो कोई पूजा खत्म कर ढोक लगाता दिखाई देर रहा है। इसी तरह प्रदेश के कई मंदिरों में बरसाना धाम गोवर्धन की झांकी सजाई गई है और 56 भोग की झांकी सजाई गई है। इसके बाद भक्तों ने पगंत प्रसादी का आनंद उठाया।
भगवान को धारण कराई गई नवीन पोशाक
इसी तरह राजधानी जयपुर में भी जगह-जगह अन्नकूट महोत्सव आयोजित हो रहे हैं। मंदिरों में ठाकुर जी को नवीन पोशाक धारण कराई गई है और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है।
वैषाली नगर के अक्षर धाम मंदिर में भी अन्नकूट महोत्सव धूम मची हुई है। इस दौरान मंदिर परिसर में विभिन्न व्यंजनों की भव्य और आकर्षक झांकी सजाई गई है। मंदिर में नई सब्जियों, अनाज और फलों का भगवान को भोग लगाया गया है। मंदिर में गोवर्धन के दिन प्रभु के दर्शन करने के लिए राजस्थान के अलावा देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। वे भगवान का दर्शन करके खुद को धन्य समझ रहे हैं।