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हिंदी दिवस विशेष : हिंदीभाषी हैं तो जरूर जानिए ये अहम् बातें

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द एंगल।

जयपुर।

आज 14 सितंबर यानि हिंदी दिवस है। आज केवल देश ही नहीं बल्कि वैश्विक बाजार तक हिंदी अपनी पैठ बना चुकी है और इसका महत्व निरंतर बढ़ता जा रहा है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि देश में ही इसे लेकर कई समस्याएं हैं जिनके चलते हिंदी को उसका वास्तविक सम्मान दिलाना जरूरी है। यहां तक कहा जाता है कि देश में ही हिंदी का अस्तित्व संकट में बना हुआ है और इसी को ध्यान में रखते हुए हिंदी दिवस का महत्व और बढ़ जाता है।

पिछले दिनों गरमा गया था हिंदी बोलने का दबाव बनाने का मुद्दा

देश में सबसे पहले 14 सितंबर, 1949 के दिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। इसके बाद से ही हिंदी दिवस को पूरे देश में मनाने का फैसला लिया गया और हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हालांकि पिछले दिनों तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद एम के कनमोझी ने नई शिक्षा नीति में हिंदी को महत्व देने को लेकर कहा था कि देश में लोगों पर हिंदी बोलने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। वहीं इससे पहले एक वेबिनार के दौरान एक आयुष मंत्रालय के सचिन राजेश कोटेचा का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा था, जिसमें एक गैर-हिंदी भाषी डॉक्टर ने हिंदी न समझ पाने के कारण उनसे हिंदी की बजाय इंग्लिश में बोलने का आग्रह किया था। इस पर उन्होंने कहा था कि मैं हिंदी में ही अपनी बात रखूंगा। जिन लोगों को हिंदी नहीं आती हो वे जा सकते हैं।

1953 से मनाया जाने लगा राष्ट्रीय हिंदी दिवस

14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने हिंदी यानि देवनागरी लिपि को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। इसीलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन आज हिंदी दिवस के मौके पर इस भाषा से जुड़ी कुछ ऐसे तथ्य बताएंगे जिनके बारे में शायद ही आपको जानकारी हो और जिन्हें जानकर एक हिंदी भाषी होने के नाते आप भी खुद पर गर्व महसूस करेंगे। 14 सितंबर, 1949 में हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिलने के बाद 1953 से पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जाने लगा। हिंदी भाषा के प्रचार के लिए नागपुर में 10 जनवरी 1975 को विश्व हिंदी सम्मेलन रखा गया था। इस सम्मेलन की खास बात यह थी कि इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा

हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दिनोंदिन बढ़ते अंग्रेजी बोलने के दौर के बीच भी हिंदी दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। दुनियाभर में करीब 80 करोड़ हिंदी भाषी लोग हैं। वहीं भारत में आज भी करीब 77 प्रतिशत लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं। खास बात यह भी है कि दुनिया में हिन्दी के प्रति दुनिया का जुनून बढ़ता ही जा रहा है और इसी की बानगी है कि आज विश्व के करीब 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाती है। यही नहीं, 2006 से तो पूरी दुनिया ही 10 जनवरी को हिंदी दिवस मनाती है।

फिज़ी ने दिया है हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा

हिंदी का नाम फारसी भाषा के शब्द ‘हिंद’ से निकला है। जिसका अर्थ ‘सिंधु नदी की भूमि’ है। यही नहीं ‘अच्छा’, ‘बड़ा दिन’, ‘बच्चा’, ‘सूर्य नमस्कार’ जैसे तमाम हिंदी शब्दों को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी शामिल किया गया है। एक और बात, फ़िजी एक ऐसा द्वीप देश है, जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। इसीलिए इन्हें फ़िजियन हिन्दी या फ़िजियन हिन्दुस्तानी भी कहा जाता है।

हिंदी दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित तमाम नेताओं ने देशवासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।

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