Home Rajasthan 13 साल पहले मिले जख़्मों पर जयपुरवासियों को आज भी मरहम का...

13 साल पहले मिले जख़्मों पर जयपुरवासियों को आज भी मरहम का इंतजार

363
0
13 मई 2008 को हुए जयपुर में हुए थे सीरियल बम ब्लास्ट (फाइल इमेज)

The Angle

जयपुर।

आज भी जयपुरवासी जब भी कैलेंडर में 13 मई की तारीख देखते हैं तो साल 2008 में घटी घटना को याद करके सिहर जाते हैं। आज ही के दिन 13 साल पहले 13 मई 2008 की शाम जयपुर के इतिहास में सबसे खूनी रात साबित हुई, जब जयपुर में एक के बाद एक 8 सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए, जिनसे पूरा जयपुर ही नहीं बल्कि भारत और दुनिया हिल गई।

बम धमाकों से दहल गई थी छोटी काशी

राजस्थान और खास तौर से इसकी राजधानी जयपुर यूं तो एक शांतिप्रिय शहर के रूप में पहचानी जाती है, लेकिन उस शाम को जयपुर में गूंज रही बम धमाकों के पीड़ितों की चीत्कारों ने इस पहचान को उलटकर रख दिया। चारों ओर लोग मदद की गुहार लगा रहे थे, हालांकि पुलिस प्रशासन धमाकों की खबर मिलते ही घटना स्थलों पर पहुंचा और राहत कार्य शुरू कर दिया, लेकिन जो जख़्म उस दिन जयपुरवासियों के सीने पर हुए, उस घटना का वो खौफनाक मंजर आज भी उनके ज़ेहन में कुछ इस तरह ताज़ा है जैसे कल की ही बात हो।

जयपुरवासियों की आस्था को देखते हुए मंदिरों के पास किए थे धमाके

हालांकि कोरोना लॉकडाउन के चलते इस 13 मई को प्रदेशभर के तमाम छोटे-बड़े मंदिर बंद हैं और लोगों को मंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना की अनुमति नहीं है, लेकिन लोग आज भी उस डर को भुला नहीं पाए हैं। जयपुर को भारत के नक्शे पर छोटी काशी के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां लोग काफी धर्म-कर्म की प्रवृत्ति वाले हैं। रोज मंदिर जाना और अपने आराध्य के दर्शन करना उनकी दिनचर्या का अहम् हिस्सा है। यही वजह है कि 13 मई 2008 की उस शाम मंगलवार होने के चलते हनुमान जी के मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ था। और शायद यही कारण था कि आतंकियों ने बम धमाके करने के लिए इन मंदिरों के आस-पास की भीड़भाड़ वाली जगहों को चुना ताकि, ज्यादा से ज्यादा तबाही मचाई जा सके।

लेकिन ये भी जयपुरवालों का हौसला ही कहिए, कि इन जख़्मों को सीने में दबाए वो आगे बढ़ गए, लेकिन जब भी मई महीने की 13 तारीख का वो मनहूस दिन आता है, तो हर किसी के मन में उस दिन की दर्दनाक तस्वीरें घूमने लगती हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्विटर पर इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वे पूरा प्रदेश सीरियल बम ब्लास्ट के पीड़ित परिवारों के साथ हमेशा खड़ा है। यहां यह बताना जरूरी है कि कुछ समय पहले जयपुर में जब आतंकी हमले के पीड़ित परिवार की बेटियों की शादी का मौका आया तो शहर के दानदाताओं ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया और ये जता दिया कि आतंकी हमले भी जयपुर की गंगा-जमुनी तहज़ीब को खत्म नहीं कर पाए हैं।

18 दिसंबर 2019 को चारों आरोपियों को सुनाई गई फांसी की सजा, आज तक भी नहीं दी गई

13 मई 2008 को हुई इस घटना के मामले में विशेष न्यायालय ने भले ही चार गुनहगारों को मृत्यु दंड की सजा सुना दी हो, लेकिन अभियुक्तों को फांसी नहीं मिलने के चलते शहरवासियों को सही मायने में अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और सलमान को गिरफ्तार किया था, जबकि कुछ अन्य आरोपियों को अब तक गिरफ्त में नहीं ले पाई है। इस मामले में पुलिस ने आठ मुकदमे दर्ज किए थे और इन सभी में आरोपियों पर चार्ज तय होने के बाद ट्रायल हुआ।

मामले में एक हजार से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए अन्य चारों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई थी। शाहबाज हुसैन पर आरोप लगाया गया था कि उसने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए ईमेल भेजा था।

  • पहला आरोपी शाहबाज हुसैन उर्फ शानू निवासी मौलवीगंज, उत्तरप्रदेश का है, जिसे बम ब्लास्ट के बाद सबसे पहले 8 सितंबर 2008 को शाहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया गया।
  • दूसरा आरोपी मोहम्मद सैफ, निवासी सरायमीर, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश का है. इसे 23 दिसंबर 2008 को गिरफ्तार किया गया।
  • तीसरा आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, निवासी चांदपट्टी, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश का है, इसे 29 जनवरी 2009 को गिरफ्तार किया गया।
  • चौथा आरोपी सैफ उर्फ सैफुर्रहमान, निवासी आजमगढ़ उत्तरप्रदेश का है, इसे 23 अप्रेल 2009 को गिरफ्तार किया गया।
  • पांचवा आरोपी सलमान, निवासी निजामाबाद, उत्तरप्रदेश का है, इसे 3 दिसंबर 2010 को गिरफ्तार किया था।
  • इसके अलावा कई अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं।
  • विशेष न्यायालय की ओर से फैसला सुनाने के करीब आठ माह बाद अभियोजन पक्ष ने चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर जिंदा मिले बम को लेकर शाहबाज हुसैन सहित बाकी चारों अभियुक्तों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र पेश कर दिया।

अभियुक्तों को मिले फांसी, तो ही मिलेगा सही न्याय

आरोप पत्र में मूल मामले के तथ्यों को दोहराते हुए समान धाराएं रखी गई हैं। इस मामले में अदालत में चार्ज बहस चल रही है। वहीं हाईकोर्ट आरोपी शाहबाज हुसैन को गत 25 फरवरी को जमानत पर रिहा कर चुकी है। अब जयपुरवासियों को उस दिन का इंतजार है जब मामले के सभी अभियुक्तों को फांसी की सज़ा मिलेगी और हादसे में जान गंवाने वालों और उसके पीड़ितों को सही मायनों में न्याय मिलेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here