The Angle
जयपुर।
रिश्वत के बदले अस्मत मांगने वाले एसीपी कैलाश बोहरा को राज्य सरकार ने पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैलाश बोहरा का प्रकरण रेयरेस्ट रेयर मामला है। बोहरा को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब किसी भी वक्त बर्खास्तगी के आदेश निकल सकते हैं।
पहली बार किसी मामले में दागी अफसर को 24 घंटे में किया बर्खास्त
धारीवाल ने बताया कि किसी को बर्खास्त करने से पहले प्रक्रिया अपनानी होती है। पहले उसे नोटिस दिया जाता है, लेकिन संविधान का अनुच्छेद-311 कहता है कि अगर कोई गंभीर मामला है, तो उस प्रक्रिया को परे रखकर सीधे बर्खास्त किया जा सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह विभाग के संयुक्त शासन सचिव रामनिवास मेहता ने आज ऑफिस खुलने के पहले ही निलंबन आदेश जारी किए थे। राजस्थान में पहली बार 24 घंटे में दागी अफसर को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला किया गया है।
गुलाबचंद कटारिया ने की दागी अफसरों को फील्ड में पोस्टिंग नहीं देने की मांग
विधानसभा में कैलाश बोहरा को बर्खास्त करने की घोषणा के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने संसदीय कार्यमंत्री से दागी अफसरों को फील्ड पोस्टिंग नहीं देने की भी घोषणा करने को कहा। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह पक्ष-विपक्ष का मामला नहीं है। जिस तरह की घटना थाने में घटी है वह बहुत गंभीर है। यह घटना अगर बाहर होती तो बात अलग थी, लेकिन थाने के अंदर ही पीड़िता से अस्मत मांगने की घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता। सदन में चर्चा होने के बाद भी अगर एक्शन नहीं होगा, तो जनता माफ नहीं करेगी। कुछ देर हंगामे के बाद मामला शांत हुआ।
एसीबी कोर्ट में कैलाश बोहरा को किया गया पेश
वहीं इस मामले में कैलाश बोहरा को एसीबी ने आज कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उसे 26 मार्च तक जेल भेज दिया है। वहीं वकील संदीप लुहाड़िया ने वकालतनामा पेश कर कहा कि बोहरा द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्त भी जेल मे हैं। इसलिए उसे अलग बैरक में रखने और मेडिकल सुविधा दी जाए। इसपर जज उपेंद्र शर्मा ने जेल नियमों के अनुसार कैलाश बोहरा को सुविधा दिए जाने के आदेश दिए।