दा एंगल।
नई दिल्ली।
कोरोना वायरस के संकट काल में पिछले करीब एक महीने से लॉकडाउन लागू है. देश में सबकुछ बंद पड़ा है, लोग घरों में हैं, फैक्ट्रियों में ताले लटके हैं। जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है और जीडीपी की गति पूरी तरह से थम गई है। अर्थव्यवस्था के सामने आ रही इन्हीं चुनौतियों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर जमकर निषाना साधा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना संकट के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया से बात की।
राहुल गांधी ने की मीडिया से बातचीत
मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन किस तरह खोला जाएगा, इसे सरकार को जनता को बताना चाहिए। इसके अलावा मजदूरों को दी जाने वाली मदद की राशि सीधे उनके खाते में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि कोरोना संक्रमण काफी बड़ी समस्या है। मैं मानता हूं कि यह मधुमेह और बुजुर्गों के लिए खतरनाक है लेकिन इसे हराया जा सकता है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्हांेने कहा कि पिछले 45 दिनों से देश में लॉकडाउन जारी है। इस संकट की घड़ी में सबसे पहले जरूरी है कि लघु उद्योग को राहत पैकेज दिया जाए और लोगों तक ज्यादा से ज्यादा नकद पहुंचाया जा सके। राहुल गांधी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों, गरीबों और छोटे कारोबारियों को आज के समय में पैसे की सख्त जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर बेरोजगारी की सुनामी आ जाएगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार पर लाॅकडाउन को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को बताना चाहिए कि आखिर लॉकडाउन कब खुलेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को जानने का अधिकार है कि किस परिस्थिति में लॉकडाउन खोला जाएगा। लॉकडाउन के दौरान काफी कुछ बदल गया है, अभी ये महामारी काफी खतरनाक हो गई है. राहुल गांधी ने कि सरकार को राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ मिलकर रणनीति बनाने की जरूरत है।
न्याय योजना से पैसा देने की जरूरत
प्रवासी मजदूरों के बारे में बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि न्याय योजना की मदद से लोगों के हाथ में पैसा देना शुरू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे 65 हजार करोड़ का खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि देश में बहुत से लोग दिहाड़ी मजदूर है इसलिए जरूरत है कि लोगों को काम दिया जाए।